केन्या में करों (टैक्स) को लेकर प्रदर्शन कर रहे हजारों प्रदर्शनकारी संसद में घुस गए हैं और इमारत के एक हिस्से में आग लग गई है। सांसदों को वहां से निकाला जा रहा है।
पुलिस ने इससे पहले मंगलवार को राजधानी नैरोबी में प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाईं। प्रदर्शन में हजारों लोगों ने हिस्सा लिया और उनकी मांग थी कि सांसद एक विवादास्पद वित्त विधेयक में प्रस्तावित नए करों के खिलाफ मतदान करें।
पिछले सप्ताह विरोध प्रदर्शनों में दो लोगों की मौत हो गई थी, लेकिन मंगलवार को किसी के हताहत होने की तत्काल कोई जानकारी नहीं है। केन्या के लोगों द्वारा दान की गई सामग्री के साथ चिकित्सकों ने विभिन्न शहरों में अस्थायी आपातकालीन प्रतिक्रिया केंद्र स्थापित किए।
विरोध प्रदर्शन का यह दौर तब शुरू हुआ जब सांसदों ने नए करों की पेशकश करने वाले वित्त विधेयक पर मतदान किया। इन नये करों में ‘इको-लेवी’ भी शामिल है जो सैनिटरी पैड और डायपर जैसी वस्तुओं की कीमत बढ़ाएगी। लोगों के आक्रोश के बाद ‘ब्रेड’ पर कर लगाने का प्रस्ताव हटा दिया गया लेकिन प्रदर्शनकारी अब भी संसद से इस विधेयक को पारित नहीं करने का आह्वान कर रहे हैं।
केन्या मानवाधिकार आयोग ने मंगलवार को अधिकारियों द्वारा प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने का एक वीडियो साझा किया और कहा कि उन्हें जवाबदेह ठहराया जाएगा। आयोग ने ‘एक्स’ पर राष्ट्रपति विलियम रुटो को संबोधित करते हुए लिखा, “दुनिया आपको अत्याचार की ओर बढ़ते हुए देख रही है! आपकी सरकार के कार्य लोकतंत्र पर हमला हैं। गोलीबारी में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से शामिल सभी लोगों को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।”
भारतीय नागरिकों से ‘अत्यधिक सतर्कता’ बरतने को कहा गया
केन्या में भारतीय उच्चायोग ने मंगलवार को भारतीय नागरिकों को अफ्रीकी राष्ट्र में हिंसक विरोध प्रदर्शन से उत्पन्न ‘‘तनावपूर्ण’’ स्थिति के मद्देनजर ‘‘अत्यधिक सावधानी’’ बरतने की सलाह दी।
भारतीय उच्चायोग ने एक परामर्श में कहा, ‘‘मौजूदा तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए केन्या में सभी भारतीयों को अत्यधिक सावधानी बरतने, गैर-जरूरी आवाजाही को प्रतिबंधित करने और स्थिति सामान्य होने तक विरोध और हिंसा प्रभावित क्षेत्रों से दूर रहने की सलाह दी जाती है।’’ एक आधिकारिक अनुमान के अनुसार वर्तमान में लगभग 20,000 भारतीय केन्या में रह रहे हैं।
बराक ओबामा की सौतेली बहन हुई चोटिल
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की सौतेली बहन व केन्याई कार्यकर्ता औमा ओबामा पर मंगलवार को नैरोबी में संसद भवन के बाहर प्रदर्शन के दौरान आंसू गैस का इस्तेमाल किया गया। संसद में घुसने की कोशिश कर रहे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने गोलीबारी की, जिसमें कम से कम पांच प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई, दर्जनों घायल हो गए।
इस हंगामे के दौरान औमा ओबामा को एक सीएनएन रिपोर्टर ने एक तरफ ले जाकर पूछा कि वह वहां क्यों आई हैं। उन्होंने कहा, “मैं यहां इसलिए आई हूं कि देखिए क्या हो रहा है। युवा केन्याई अपने अधिकारों के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं। वे झंडे और बैनर लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। मैं अब कुछ भी नहीं देख सकती। हम पर आंसू गैस के गोले छोड़े जा रहे हैं।”
उनके पीछे एक व्यक्ति एक तख्ती लिए खड़ा था, जिस पर लिखा था, “केन्या में उपनिवेशवाद कभी खत्म नहीं हुआ”, जबकि दूसरा चिल्ला रहा था, “यह हमारा देश है। यह हमारा राष्ट्र है।” औमा ओबामा ने पहले ट्विटर पर विरोध प्रदर्शन के दौरान अपनी तस्वीरें पोस्ट की थीं। पूर्व राष्ट्रपति ओबामा के कार्यालय ने उनकी बहन से जुड़ी घटना या केन्या में हुई हिंसा पर टिप्पणी मांगने के लिए तुरंत कॉल का जवाब नहीं दिया।
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