डीपीसी नहीं होने से अटका पांच एएसपी का प्रमोशन

आईपीएस अधिकारियों के प्रमोशन में मप्र फिसड्डी

भोपाल । मप्र आईएएस अधिकारियों के साथ ही आईपीएस के प्रमोशन में लगातार पिछड़ता जा रहा है। खासकर प्रदेश पुलिस विभाग में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक की डीपीसी में मप्र सभी राज्यों में पिछड़ गया है। पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक 1995 और 1997 बैच के राज्य पुलिस सेवा के अफसरों की डीपीसी छह महीने से लंबित है।
मप्र में 1995 और 1997 बैच के पांच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षकों की डीपीसी होना थी, लेकिन छह माह गुजर जाने के बाद भी डीपीसी नहीं हुई है। भारत के अन्य राज्यों के इसी बैच के पुलिस अधिकारियों की डीपीसी कर उन्हें आईपीएस अवॉर्ड दिया जा चुका है।
टीकमगढ़ जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सीताराम ने बताया कि हम लोगों का समय से डीपीसी नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि 1995 बैच के प्रकाश सिंह परिहार जो सहायक पुलिस महानिरीक्षक इंदौर के पद पर कार्यरत हैं। दिलीप सोनी 1997 बैच के एएसपी उज्जैन में पदस्थ हैं। अवधेश प्रताप सिंह बागरी 1997 बैच के हैं, जो छिंदवाड़ा में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हैं। राजेंद्र वर्मा 1997 बैच के राज्य सेवा पुलिस के अधिकारी हैं। इन सभी राज्य सेवा के अधिकारियों की जनवरी में डीपीसी होना थी। इसके बाद उन्हें आईपीएस अवॉर्ड होना था। अभी तक डीपीसी नहीं हुई है। मध्य प्रदेश राजपत्रित अधिकारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र सिंह कहते हैं कि यह प्रशासनिक प्रक्रिया है जो चलती रहती है। जिन लोगों का प्रमोशन नहीं हुआ है, वह अच्छी तरह से बता सकते हैं।
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार डीजी पुलिस ने इन सभी अधिकारियों की फाइल तैयार कर गृह मंत्रालय को जनवरी में भेजी थी। डीपीसी के लिए मध्य प्रदेश के एक अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि मध्य प्रदेश के जिन पांच पुलिस अधिकारियों की डीपीसी होना है, उनमें तीन अनुसूचित जाति, एक अनुसूचित जनजाति और एक पिछड़ा वर्ग से हैं।

प्रमोशन में मध्य प्रदेश फिसड्डी

भारत के अन्य राज्यों की मध्य प्रदेश से तुलना करें तो मध्य प्रदेश पुलिस विभाग के राजपत्रित अधिकारियों के प्रमोशन में सबसे ज्यादा फिसड्डी साबित हो रहा है। छत्तीसगढ़ में जहां 1998 तक, जम्मू कश्मीर में 1999, हिमाचल प्रदेश में 2000, दिल्ली में 2001, गोवा में 2001, तमिलनाडु में 2002, हरियाणा में 2004, महाराष्ट्र में 2004, मेघालय में 2004, बिहार में 2005, उत्तराखंड में 2005, वेस्ट बंगाल में 2009, गुजरात में 2010, आंध्र प्रदेश में 2010, तेलंगाना में 2010 और कर्नाटक में 2012 बेच के राजपत्रित अधिकारियों के प्रमोशन हो चुके हैं। मध्य प्रदेश में 1997 बैच के राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के प्रमोशन यानी की डीपीसी नहीं हुई है।

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