बिजली की दरों में बढ़ोतरी को लेकर एक ओर स्टील उद्योगों ने अनिश्चितकालीन प्लांट बंद रखने की घोषणा की है। वहीं दूसरी दूसरी ओर शासन का कहना है कि ऊर्जा प्रभार में की गई बढ़ोतरी के बाद भी उच्चदाब स्टील उद्योगों को 713 करोड़ की छूट दी जा रही है। यह छूट अन्य किसी भी वर्ग के उपभोक्ता को नहीं मिलती। नियामक आयोग द्वारा लोड फैक्टर पर मिलने वाली अधिकतम छूट को 25 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत किया गया है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि वर्ष 20121-22 के पूर्व यह छूट 8 प्रतिशत थी, इस प्रकार वर्तमान छूट भी 2 प्रतिशत ज्यादा है।
छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के अधिकृत सूत्रों का कहना है कि नियामक आयोग द्वारा एक जून से वर्ष 2024-25 के लिए विद्युत आपूर्ति की दर लागू कर दी गई गै। यह नई दर उच्चदाब स्टील उद्योगों को प्रति यूनिट ऊर्जा प्रभार में मात्र 25 पैसे (4.10 प्रतिशत) की वृद्धि कर प्रति यूनिट ऊर्जा प्रभार 6.35 प्रति यूनिट है।
इस प्रकार स्टील उद्योगों का वर्ष 2017-18 से तुलना किया जाए तो मांग प्रभार में किसी भी प्रकार से बढ़ोतरी नहीं की गई है। ऊर्जा प्रभार के दर में 6 रुपये प्रति यूनिट से बढ़ाकर 6.35 रुपये प्रति यूनिट कर दी गई है। बीते 8 वर्षों में ऊर्जा प्रभार में 35 पैसा प्रति यूनिट ही बढ़ाया गया है। प्रदेश में यह राशि 6.35 रुपये है तथा महाराष्ट्र में 8.36 रुपये, तेलंगाना में 8.10 रुपये और मध्यप्रदेश में 7.15 रुपये है।
रिटायर्ड पॉवर इंजीनियर्स-ऑफिसर्स एसोसिएशन ने कहा स्टील उद्योगों की मांग अनुचित
छत्तीसगढ़ राज्य रिटायर्ड पावर इंजीनियर्स-आफिसर्स एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को पत्र लिखा है। पत्र में एसोसिएशन ने कहा कि इस प्रकार स्टील उद्योगों द्वारा बिजली में छूट लेने का प्रयास अनुचित है। उद्योगों का यह कहना कि बिजली की दरें 25 प्रतिशत बढ़ गई है, पूरी तरह से गलत है। विद्युत नियामक आयोग द्वारा ऊर्जा दर में मात्र 4 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है।
स्टील उद्योगों ने ऊर्जा प्रभार में छूट से बढ़ाया मार्जिन
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि स्टील उत्पादकों ने ऊर्जा प्रभार में बड़ी छूट से अपना मार्जिन ही बढ़ाया है। आम उपभोक्ताओं को इसका लाभ नहीं दिया गया है। छूट की अवधि में लोहे का भाव 34,000 रुपये से बढ़कर 53,000 रुपये हो गया। वर्ष 2021-22 में प्रदेश में नया टैरिफ जारी किया गया था, उसमें लोड फैक्टर छूट को अधिकतम 8 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत कर दिया गया था। जबकि पॉवर कंपनी द्वारा इस प्रकार का कोई प्रस्ताव नियामक आयोग को नहीं भेजा गया था। स्टील उत्पादकों को इसके चलते प्रति वर्ष 750 करोड़ का अतिरिक्त लाभ मिला।
बिजली दर में बढ़ोतरी के विरोध में बंद रही फैक्ट्रियां
इधर, बिजली दर में बढ़ोतरी को लेकर सोमवार आधी रात से ही मिनी स्टील प्लांट के साथ ही फर्निस व फेरो एलायस उद्योग बंद रही। बताया जा रहा है कि 150 से ज्यादा प्लांटों में उत्पादन कार्य ठप रहा। छत्तीसगढ़ स्पंज आयरन एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल नचरानी ने कहा कि बिजली दर में बढ़ोतरी को चलते उद्योग चलाना मुश्किल हो गया है, इसके लिए इन्हें अनिश्चितकालीन बंद करना पड़ रहा है।
प्लांट बंद रहने का असर रोजगार पर भी पड़ेगा। उन्होंने कहा कि बिजली दरों में बढ़ोतरी के चलते पड़ोसी राज्यों से प्रतिस्पर्धा करना मुश्किल हो गया है। बीते 15 दिनों से उद्योगपतियों द्वारा विभागों के चक्कर लगाने के साथ ही शासन के मंत्रियों से भी मुलाकात कर चुके है, लेकिन अभी तक कोई नतीजा नहीं निकला है।