मॉस्को। मॉस्को में भारतीय समुदाय को संबोधित करने के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वागत के लिए रूसी सांस्कृतिक मंडली ने कार्यक्रम प्रस्तुत की। कार्यक्रम के बाद प्रस्तुति देने वाली मंडली से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बातचीत की। उन्होंने इस दौरान बताया कि वे रूस में दो नए दूतावास भी खुलने जा रहे हैं। पीएम मोदी के स्वागत में कलाकारों ने भारतीय गानों पर प्रस्तुति दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मॉस्को में आयोजित 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में शामिल होने पहुंचे हैं। दो दिवसीय इस कार्यक्रम में द्विपक्षीय मुद्दों पर बात होगी। इस कार्यक्रम में भारतीय समुदाय को संबोधित करने के लिए रूसी सांस्कृतिक मंडली ने कार्यक्रम प्रस्तुत किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मंडली से बातचीत की। उन्होंने कलाकारों से पूछा कि आप कितने सालों से नृत्य का अभ्यास कर रहे हैं? उनमें से कुछ 10 साल से और कुछ पिछले 30 सालों से कार्यक्रम का अभ्यास कर रहे हैं। पीएम मोदी ने उनसे उनकी भारत यात्रा के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि वे कार्यक्रम के लिए भारत आए थे। वीडियों में कलाकारों ने पीएम मोदी से मिलने पर अपनी भी जाहिर की है। पीएम मोदी ने मॉस्को में भारतीय समुदाय को संबोधित किया , उन्होंने दोनों देशों के बीच संबंधों के बारे में बात की। साथ ही संबंधों को मजबूत करने में भारतीय प्रवासियों के योगदान का जिक्र किया। इस्कॉन मॉस्को के अध्यक्ष साधु प्रिय दास ने कहा कि उन्होंने पीएम मोदी को 2001 में मॉस्को में इस्कॉन मंदिर की अपनी यात्रा की तस्वीरें दिखाई, जब उन्होंने 2001 में मॉस्को में इस्कॉन में प्रार्थना की। पीएम मोदी के भारतीय समुदाय को संबोधित करने के बाद रामकृष्ण मिशन के स्वामी आत्मलोकानंद ने कहा कि वे पीएम मोदी के बिना भारत के भविष्य के बारे में नहीं सोच सकते। स्वामी आत्मलोकानंद ने कहा, “हम 1991 से 30 साल से अधिक समय से यहां काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि रूसी लोग संस्कृत भाषा में रूचि रखते हैं और हम उन्हें सिखा रहे हैं। पीएम मोदी के बिना हम भविष्य के भारत के बारे में नहीं सोच सकते। जिसका सपना स्वामी विवेकानंद ने देखा था। पीएम मोदी स्वामी विवेकानंद की इच्छाओं को पूरा कर रहे हैं।
रूस में खोले जाएंगे नए दूतावास
वहीं भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने रूस में नए वाणिज्य दूतावास खोलने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि भारतीय वाणिज्य दूतावास कजान और येकातेरिनबर्ग में खोले जाएंगे। उन्होंने कहा कि मैं आप सभी के साथ कुछ अच्छी खबर साझा करना चाहता हूं। हमने कजान और येकातेरिनबर्ग में नए वाणिज्य दूतावास खोलने का फैसला किया है। इससे यात्रा और व्यापार में वृद्धि होगी। दो साल पहले पहील खेप भारत-रूस ‘उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे’ के माध्यम से भेजी गई थी। यह बड़ी उपलब्धि है। अब भारत और रूस चेन्नई-वल्दिवोस्तोक पूर्वी गलियारे को खोलने के लिए काम कर रहे हैं। 21वीं सदी में भारत विश्व बंधु की भूमिका निभाएगा।