वेटिकन की तरफ से एलजीबीटीक्यू+ कम्युनिटी को लेकर एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया है।
पोप फ्रांसिस ने रोमन कैथोलिक पादरियों को समलैंगिक जोड़ों को आशीर्वाद देने की मंजूरी दे दी है।
पोप फ्रांसिस द्वारा अनुमोदित पोप डिक्री के तहत वेटिकन ने स्पष्ट किया कि पादरियों को समान-लिंग वाले जोड़ों को आशीर्वाद देने की अनुमति है, लेकिन यह शादियां आम तौर पर चर्च में होने वाले रिचुअल्स का हिस्सा नहीं होनी चाहिए। न्यूज एजेंसी पीटीआई ने सोमवार को एपी के हवाले से यह जानकारी मुहैया कराई।
शर्त में इस बात पर जोर दिया गया है कि वेटिकन विवाह को एक पुरुष और एक महिला के बीच ही देखता है।
बता दें वेटिकन लंबे समय से कहता आया था कि वह समलैंगिक जोड़ों को आशीर्वाद नहीं दे सकता क्योंकि यह चर्च के सिद्धांतों के खिलाफ हैं। वेटिकन के मुताबिक, विवाह केवल एक पुरुष और एक महिला के बीच ही होता है।
नए नियम में इस बात पर जोर दिया गया है कि विवाह को लेकर कैथिलक पारंपरिक सिद्धांत जस के तस ही रहेंगे, इसमें किसी तरह का कोई संशोधन नहीं किया जा रहा है।
वेटिकन मानता है कि विवाद के रिचुअल्स चर्च में संपन्न किए जाते हैं। वहीं समलैंगिक शादियां विवाह के संस्कार को भ्रमित करती हैं।
हालांकि, शर्तों के बावजूद यह घोषणा वेटिकन द्वारा उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है क्योंकि 2021 में वेटिकन ने ही कहा था कि कैथोलिक चर्च समान-लिंग वाले जोड़ों को आशीर्वाद नहीं दे सकता क्योंकि भगवान ‘पाप’ को आशीर्वाद नहीं देते।