तेलंगाना में तीन नए आपराधिक कानूनों को लेकर तैयारी जारी, एक जुलाई से होंगे लागू

तेलंगाना ने तीन नए आपराधिक कानूनों भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को लागू करने की प्रक्रिया चल रही है। तीन नए आपराधिक कानून 1 जुलाई से लागू होने जा रहे हैं। अधिकारी ने बताया कि इन नए कानूनों की अनुवाद प्रक्रिया भी चल रही है और इसके भी 1 जुलाई से पहले पूरी होने की उम्मीद है। अधिकारी ने बताया कि अधिसूचना का मसौदा तैयार है और अगले कुछ दिनों में नए कानूनों को अधिसूचित कर दिया जाएगा। नए कानूनों को सरकार की योजना के अनुसार लागू किया जाए, इसके लिए विभिन्न स्तरों पर टीमें गठित की गई हैं। पुलिस अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए गए हैं और तेलंगाना राज्य पुलिस अकादमी में आईपीएस अधिकारियों के लिए नए आपराधिक कानूनों पर एक वर्कशॉप भी आयोजित की गई और उन्हें नए कानूनों की भावना के बारे में भी बताया गया। उन्होंने कहा कि लोगों को प्रशिक्षित करने और सभी के लिए अध्ययन सामग्री तैयार करने के लिए विशेष टीमें बनाई गई हैं। नए कानूनों के लिए अभियोजकों की टीम ने एसओपी और दिशा-निर्देश तैयार किए हैं और उन्हें सभी फील्ड अधिकारियों के पास भेजा गया है। 
 

बीते 25 दिसंबर को राष्ट्रपति ने दी थी कानून को मंजूरी

तेलंगाना के मुख्य सचिव ने हाल ही में स्वास्थ्य, अभियोजकों और कानून विभाग जैसे विभागों के साथ समन्वय बैठक की। बता दें कि पिछले साल 11 अगस्त को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, भारतीय न्याय संहिता विधेयक और भारतीय साक्ष्य अधिनियम विधेयकों के साथ पहली बार लोकसभा में पेश किया गया था। तीनों विधेयक क्रमशः भारतीय दंड संहिता, 1860, दंड प्रक्रिया संहिता अधिनियम, 1898 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 की जगह लेंगे। तीनों कानूनों को पिछले साल 21 दिसंबर को संसद की मंजूरी मिली थी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 25 दिसंबर को अपनी सहमति दी थी। केंद्रीय गृह मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, नए कानूनों के प्रावधान 1 जुलाई से लागू होंगे।

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