भोपाल । मुख्य सचिव की कुर्सी संभालने के साथ ही अनुराग जैन जिस तरह ताबड़तोड़ फैसले ले रहे हैं उससे तो साफ हो गया है कि प्रदेश में कर्तव्यनिष्ठ अफसरों को बड़ी जिम्मेदारी मिलेगी। ऐसे में प्रदेश की नौकरशाही में बड़े बदलाव की तैयारी है। इस बदलाव में मुख्य सचिव अपनी पॉलिसी के तहत अफसरों की जमावट करेंगे। सूत्रों का कहना है कि केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन कराना मुख्य सचिव की प्राथमिकता है। इसलिए उनकी कोशिश रहेगी की मंत्रालय से लेकर फील्ड तक ऐसे अफसरों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जाए, जो सरकार की मंशा के अनुसार काम कर सकें।
गौरतलब है कि प्रदेश में बड़ी प्रशासनिक सर्जरी की उम्मीद पिछले कुछ महीने से लगाई जा रही है। लेकिन संभावना जताई जा रही है कि अब जल्द ही तबादले की सूची जारी की जाएगी। इस प्रशासनिक फेरबदल में मंत्रालय में पदस्थ अपर मुख्य सचिव से लेकर प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारी और जिला कलेक्टर प्रभावित होने की उम्मीद है। गौरतलब है कि दिसंबर, 2003 में सत्ता में आने के बाद से भाजपा सरकार रीसेट मोड में बनी हुई है। दिसंबर से अगस्त के बीच करीब 200 आईएएस अधिकारियों का तबादला किया गया, जबकि लगभग दस महीने में स्थानांतरित आईएएस अफसरों की कुल संख्या 300 से अधिक है। दिसंबर के बाद से बड़ी संख्या में तबादलों में वह अवधि भी शामिल है, जब मार्च और जून के बीच आम चुनावों के लिए आदर्श आचार संहिता लागू रही और कोई स्थानांतरण नहीं हुआ। यानी आईएएस अफसरों के तबादले दिसंबर से मार्च मध्य और जून से सितंबर के बीच किए गए।
जैन की पसंद के अफसरों को प्राथमिकता
मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि प्रशासनिक स्थिरता लाने के लिए अफसरों की नई पदस्थापना की जाएगी। अफसरों की नई पदस्थापना में सीएस जैन की पसंद को भी तवज्जो मिलेगी। मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि कई अपर मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारियों के पास एक ज्यादा विभागों की जिम्मेदारी है। पिछले महीनों में कई अधिकारियों के केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली जाने के बाद उनके विभाग का जिम्मा अतिरिक्त प्रभार के रूप में अलग-अलग अधिकारियों को सौंप दिया गया है। ऐसे ही एक दर्जन से ज्यादा कलेक्टरों को बदलने की तैयारी जुलाई-अगस्त से चल रही है, लेकिन अलग- अलग कारणों से सरकार ऐसा नहीं कर पाई। इसमें नए मुख्य सचिव की नियुक्ति होना एक प्रमुख कारण था। गौरतलब है कि सरकार ने पिछले दो महीने में सितंबर तक 13 जिला कलेक्टरों को भी बदल दिया है। 22 जून को सिवनी में नए कलेक्टर का तबादला किया गया। 23 जुलाई को कटनी और मंदसौर कलेक्टर बदल दिए गए। 4 अगस्त को सागर और छतरपुर कलेक्टर बदल दिए गए। जबकि 10 अगस्त को 26 आईएएस तबादलों की सूची में शहडोल, मंडला, राजगढ़, विदिशा, बालाघाट, डिंडोरी, अनुपपुर, नीमच के जिला कलेक्टर बदले गए थे। मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में जिला कलेक्टरों के तबादले का मानदंड सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन, स्थानीय जनप्रतिनिधियों का फीडबैक और जिला प्रभारी मंत्रियों की सिफारिश होगी। सरकार ने अगस्त में कुल 57 आईएएस अधिकारियों का तबादला किया, जबकि 9 सितंबर को 29 आईएएस की नई पदस्थापना की गई। इससे पहले 27 जून को सरकार ने 14 आईएएस अधिकारियों का तबादला कर दिया था। 11 जून को 2 अधिकारियों और 19 जून को 2 आईएएस का तबादला कर दिया गया था।
नई तबादला नीति से पहले फेरबदल
जानकारों का कहना है कि प्रदेश में नई तबादला नीति से पहले बड़ा प्रशासनिक फेरबदल होगा। मंत्रालय से लेकर मैदानी स्तर तक अधिकारी बदले जाएंगे। सरकार तबादला नीति घोषित कर ट्रांसफर से प्रतिबंध हटाने को लेकर जल्दबाजी में नहीं है। प्रदेश में मंत्रियों को अपने विभागीय तबादले करने के लिए अभी प्रतीक्षा करनी होगी। वैसे भी अभी प्रशासनिक आवश्यकता या शिकायत के आधार पर तबादले मुख्यमंत्री समन्वय के माध्यम से हो रहे हैं। हालांकि, इनकी संख्या बहुत कम है। अब जल्द ही मंत्रालय और मैदानी स्तर पर नए सिरे से प्रशासनिक जमावट होगी। इसमें छह माह के प्रदर्शन को आधार बनाया जाएगा। सूत्रों का कहना है कि इस संदर्भ में जल्द ही मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री प्रारंभिक चर्चा भी कर चुके हैं। कलेक्टरों और कमिश्नरों के साथ ही मंत्रालय में प्रमुख सचिव व अपर मुख्य सचिव स्तर के अधिकारियों के दायित्व में परिवर्तन किया जाएगा। पुलिस अधीक्षक, पुलिस महानिरीक्षक और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक स्तर के अधिकारियों के भी तबादले होंगे।