पुलिसकर्मी का बेटा हुआ ठगी का शिकार, फिर दोस्तों से जांच के बाद दूसरे शहर से पकड़ा गया ठग

उज्जैन: मध्य प्रदेश के उज्जैन में शेयर बाजार में निवेश का झांसा देकर 50 हजार रुपये की ठगी करने वाले गिरोह का खुलासा करने में एक पुलिसकर्मी के 12वीं पास बेटे ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ठगी का शिकार होने के बाद, उसने अपनी मोबाइल लोकेशन को ट्रेस किया और अपने दोस्तों के साथ मिलकर नर्मदापुरम में आरोपियों के ठिकाने का पता लगाया। वहां एक मकान में चल रहे फर्जी कॉल सेंटर से एक आरोपी को पकड़कर नर्मदापुरम पुलिस के हवाले किया गया। अब आरोपी को माधवनगर पुलिस उज्जैन ले जा रही है।

ठगी के जाल में कैसे फंसा?

चिमनगंज थाना के हेड कांस्टेबल का बेटा ऋतिक मालवीय 4 अक्टूबर को पुणे की एक निवेश कंपनी से आए फोन पर फर्जी सलाह में फंस गया। उसे कम समय में बड़े लाभ का लालच देकर डीमैट अकाउंट खुलवाने के लिए मजबूर किया गया और तीन बार में 50 हजार रुपये ट्रांसफर करवा लिए गए। कंपनी की वेबसाइट पर ट्रेडिंग का फर्जी स्कोर दिखाया गया, लेकिन जब उसने अपना पैसा वापस मांगा, तो उसे धोखे का एहसास हुआ।

निवेशकों को धोखे में रखने वाले फर्जी प्लेटफॉर्म के मामले में आरोपी संजय ने ऋतिक को यह बताया कि उसके पास पुलिस से "सेटिंग" है, लेकिन नर्मदापुरम के एसपी के हस्तक्षेप के कारण उसे गिरफ्तार कर लिया गया। माधवनगर पुलिस ने आरोपी को मंगलवार को उज्जैन में पेश किया।

एक युवक की शिकायत के आधार पर आरोपी को पकड़ा गया। नर्मदापुरम के एसडीओपी पराग सैनी ने बताया कि उज्जैन के एक युवक ने ठगी की शिकायत की थी, जिसके बाद आरोपी संजय प्रजापत को उसकी लोकेशन के आधार पर बालागंज से गिरफ्तार किया गया। अब आरोपी को उज्जैन पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया है, जहां वह गिन्नी कम्पाउंड में रह रहा था।

फ्रॉड एडवाइजरी की बढ़ती जड़ 

कोरोना महामारी के बाद शेयर बाजार में छोटे निवेशकों की बढ़ती रुचि ने फर्जी डीमैट अकाउंट और नकली ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के कारोबार को तेजी से बढ़ावा दिया है। उज्जैन में ऐसे कई ठिकाने सक्रिय हैं, जो भोले-भाले निवेशकों को मोटी कमाई का लालच देकर ठगी कर रहे हैं।

जागरूकता और सतर्कता जरूरी 

इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि ठगी के मामलों में जागरूकता और सतर्कता कितनी महत्वपूर्ण है। ऋतिक की साहसिकता ने न केवल उसे बल्कि अन्य लोगों को भी इस तरह के धोखाधड़ी से बचने का एक उदाहरण प्रस्तुत किया है। पुलिस और स्थानीय प्रशासन को ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई करने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में और लोग इस तरह के जाल में न फंसें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *