महाराष्ट्र की जनसभाओ में पीएम मोदी बोले-महायुति में ही महाराष्ट्र की तरक्की

मुंबई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को महाराष्ट्र में तीन जनसभाएं की। छत्रपति संभाजीनगर में रैली कर रहे हैं। यहां उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र का ये चुनाव सिर्फ नई सरकार चुनने का ही चुनाव नहीं है। इस चुनाव में एक तरफ संभाजी महाराज को मानने वाले देशभक्त हैं और दूसरी ओर औरंगजेब के गुणगान करने वाले लोग हैं। कुछ लोगों को छत्रपति संभाजी के कातिलों में मसीहा नजर आता है। उन्होंने कहा कि पूरा महाराष्ट्र जानता है कि छत्रपति संभाजी नगर को ये नाम देने की मांग बालासाहेब ठाकरे ने उठाई थी। अघाड़ी सरकार की 2.5 साल सत्ता रही, लेकिन कांग्रेस के दबाव में इन लोगों की हिम्मत नहीं हुई। जबकि महायुति सरकार ने आते ही इस शहर का नाम छत्रपति संभाजी नगर किया। हमने आपकी इच्छा को पूरा किया, हमने बालासाहेब ठाकरे की इच्छा को पूरा किया। भाजपा और महायुति मिलकर महाराष्ट्र को विकसित बनाने के लिए काम कर रहे हैं, ताकि महाराष्ट्र विकसित भारत के विजन का नेतृत्व कर सके। इसलिए आज महाराष्ट्र में आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण हो रहा है। मराठवाड़ा, विदर्भ और मुंबई से सीधे जुड़ गया है।

अघाड़ी वाले आपको बूंद-बूंद के लिए तरसाएंगे
पीएम ने कहा कि अघाड़ी वालों ने महाराष्ट्र की परेशानियों को बढ़ाने के अलावा कोई काम नहीं किया है। मराठवाड़ा में लंबे समय से पानी का संकट रहा है, लेकिन कांग्रेस और अघाड़ी वाले हमेशा हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे। हमारी सरकार में पहली बार सूखे के खिलाफ ठोस प्रयास शुरू हुए। ये अघाड़ी वाले आपको बूंद-बूंद पानी के लिए तरसाएंगे। आपसे अनुरोध है कि इन अघाड़ी वालों को घुसने ही मत देना।

महाराष्ट्र सरकार विरासत भी संभाल रही
पीएम ने कहा कि महाराष्ट्र में विकास के इस महायज्ञ के साथ ही, हमारी सरकार, विरासत का अनुष्ठान भी कर रही है। भगवान विठ्ठल के भक्तों की सुविधा के लिए हमने पालकी महामार्ग का निर्माण करवाया है। महाराष्ट्र और मराठवाड़ा के लोग दशकों से मराठी को अभिजात भाषा का दर्जा देने की मांग कर रहे थे। मराठा गौरव से जुड़ा ये काम भी भाजपा ने ही पूरा किया है।

कांग्रेस बंटवारे पर भरोसा करती है
पीएम ने कहा कि कांग्रेस पार्टी, सरकार बनाने के लिए विकास पर नहीं, बंटवारे पर भरोसा करती है। कांग्रेस दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों को आगे बढऩे से रोकती है ताकि सत्ता पर पीढ़ी-दर-पीढ़ी इनका कब्जा बना रहे। इसलिए कांग्रेस शुरू से ही आरक्षण के खिलाफ रही है। कांग्रेस के शहजादे विदेश में जाकर खुलेआम बयान देते हैं कि वो आरक्षण को खत्म कर देंगे। अब अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए कांग्रेस और अघाड़ी वाले, एससी/एसटी/ओबीसी समाज को छोटी छोटी जातियों में बांटने का षड्यंत्र रच रहे हैं।

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