गाजा में इजरायल और हमास के बीच चल रहे भीषण युद्ध के बीच फिलिस्तीनी प्रधान मंत्री मोहम्मद शतयेह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
उन्होंने सोमवार को एक बयान में कहा कि इस्तीफा लिखित रूप में 26 फरवरी को दिया है। उन्होंने इस्तीफे के पीछे की वजह गाजा शहर में बढ़ती हिंसा और युद्ध के कारण भुखमरी के हालातों को देखते हुए दिया है।
शतयेह के इस्तीफे के बाद मुस्लिम देश में भूचाल मच गया है। इस बीच हमास ने फतह पार्टी के साथ मिलकर नई सरकार के गठन की प्लानिंग शुरू कर दी है।
अगले हफ्ते मॉस्को में एक मीटिंग हो सकती है। यह सबकुछ तब हो रहा है, जब इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ऐलान कर चुके हैं कि गाजा में हमास के पूर्ण खात्मे के बाद इजरायल तय करेगा कि गाजा का क्या भविष्य होना है?
फिलिस्तीनी प्राधिकरण (पीए) के अध्यक्ष महमूद अब्बास को सोमवार को अपना इस्तीफा सौंपकर शतयेह ने कहा, “इस्तीफा देने का निर्णय वेस्ट बैंक और जरूशलेम में अभूतपूर्व हमले और गाजा पट्टी में युद्ध, नरसंहार और भुखमरी के बाद आया है।”
उन्होंने कहा, “मैं देखता हूं कि नई चुनौतियों के लिए नई सरकारी और राजनीतिक व्यवस्था की आवश्यकता है जो गाजा में और फिलिस्तीन में एकता और शांति पर आधारित आवश्यकता को पूरी करे।”
शतयेह की टिप्पणियां तब आई हैं जब अब्बास पर पीए को भंग करने और एक नई सरकार पर काम शुरू करने के लिए अमेरिकी दबाव बढ़ रहा है जो युद्ध के बाद फिलिस्तीनी राज्य पर शासन में इजरायल की मदद कर सकता है।
हालांकि, इजरायली प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू कई मौकों पर फिलिस्तीनी राज्य का नियंत्रण लेने और गाजा पर शासन करने के आह्वान को खारिज कर चुके है लेकिन, यह जरूर कह चुके हैं कि गाजा में हमास के पूर्ण खात्मे के बाद ही मुस्लिम राष्ट्र के भविष्य की रूपरेखा तय की जाएगी।
पिछले हफ्ते, इजरायली सांसदों ने नेतन्याहू द्वारा फिलिस्तीनी राज्य की किसी भी “एकतरफा” मान्यता को अस्वीकार करने का समर्थन किया था।
इस बीच यह भी चर्चा है कि हमास फतह पार्टी के साथ फिलिस्तीन में नई सरकार के गठन को लेकर आगे बढ़ रही है। इसके लिए हमास और फतह पार्टी के बीच अगले हफ्ते रूस की राजधानी मॉस्को में बैठक होने वाली है।
पश्चिम देशों का भी बढ़ रहा दबाव
फिलिस्तीनी पीएम शतयेत का इस्तीफा ऐसे समय में आया है, जब पश्चिमी देश फिलिस्तीन में सरकार को कथित रूप से कमजोर करने और गाजा में नई राजनीतिक व्यवस्था की पैरवी कर रहे हैं।
अमेरिका भी फिलिस्तीन में नई सरकार को लेकर आशांवित है और गाजा में नरसंहार को जल्द खत्म करने के पक्ष में हैं।
अमेरिका कई बार इजरायल को गाजा में नरसंहार रोकने के लिए कह चुका है लेकिन, इजरायल हमास के पूर्ण खात्मे तक युद्ध रोकने को राजी नहीं है।