पाकिस्तान और ईरान दोनों पड़ोसी देशों ने आपसी शत्रुता की नई रेखा खींचते हुए एक-दूसरे की भौगोलिक सीमा में हवाई हमले किए हैं।
इससे इलाके में तनाव बढ़ गया है लेकिन पाकिस्तान को सबसे बड़ी चिंता इस बात को लेकर सती रही है कि उसने जिन खतरों से निपटने के लिए चीनी राडार तैनात किए थे, वे तो दगा दे गए।
जी हां, पाकिस्तान ने मिसाइल और ड्रोन हमलों से बचने के लिए अत्याधुनिक चीनी राडार तैनात किए थे लेकिन वे ईरानी मिसाइल के हमलों को नहीं रोक पाए और ऐन मौके पर फुस्स हो गए।
मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि चीन ने अपनी हवाई सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए IBIS-150 और JY-27A सहित विभिन्न चीनी निगरानी राडार और डिफेंस सिस्टम तैनात किए थे लेकिन वे ईरानी हमलों को रोक पाने में नाकाम रहे।
इस बात से पाकिस्तान काफी नाराज है और अपने पुराने और भरोसेमंद दोस्त चीन की दगाबाजी से परेशान है। पाकिस्तान इस बात से भी परेशान हो चला है कि ईरान ने उस पर हमला किया लेकिन चीन संयम बरतने की अपील कर रहा है।
दोनों देश यानी ईरान और पाकिस्तान लगभग 900 किलोमीटर (560 मील) तक फैली एक अस्थिर सीमा साझा करते हैं, जिसके एक तरफ पाकिस्तान का बलूचिस्तान प्रांत है तो दूसरी तरफ ईरान का सिस्तान और बलूचिस्तान प्रांत है।
ईरान ने दावा किया है कि उसके हवाई हमलों ने पाकिस्तान के अंदर एक सुन्नी अलगाववादी समूह के ठिकानों को निशाना बनाया है।
इधर, इस्लामाबाद ने ईरानी हमलों की निंदा करते हुए इसे “घोर उल्लंघन” बताया है। पाकिस्तान ने कहा है कि ये हमले नागरिक ठिकानों पर किए गए हैं, जिनमें दो बच्चों समेत कई लोगों के हताहत हुए हैं।
ईरान ने मंगलवार को बलूचिस्तान प्रांत में कोह-ए-सब्ज क्षेत्र में एयर स्ट्राइक कर दी थी। इसके जवाब में, पाकिस्तान ने भी गुरूवार को ईरान के सीमाई इलाकों में हमले किए, जिसमें नौ लोगों की मौतें हुई हैं।
पाकिस्तान ने कहा है कि उसने बलूच अलगवावादियों और विद्रोहियों के ठिकानों पर हमले किए हैं।