पाकिस्तान और ईरान के बीच अचानक शुरू हुआ हमलों का दौर जारी है।
पहले ईरान ने बलूचिस्तान में हमला कर दिया। इसके बाद गुरुवार को पाकिस्तान ने भी जवाब में ईरान में आतंकियों के ठिकानों पर अटैक किया।
अब कहा जा रहा है कि इस संघर्ष का फायदा पाकिस्तान की सेना को घर में ही हो सकता है। हाल ही में जारी हुई रैंकिंग के अनुसार, दुनिया की ताकतवर सेनाओं में पाकिस्तान 9वें स्थान पर है।
पाकिस्तान को फायदा कैसे
कहा जाता है कि इमरान खान और उनके समर्थकों के खिलाफ कार्रवाई के चलते पाकिस्तान की आर्मी को अपने ही मुल्क में नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है।
ईरान के हमलों के पाकिस्तानी सोशल मीडिया के जरिए सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर के खिलाफ नाराजगी जता रहे हैं।
एक यूजर का कहना था कि देश को ऐसे सेना प्रमुख की जरूरत है, जो केवल इमरान खान और उसकी पार्टी पर ही हमले में दिलचस्पी न रखता हो, बल्कि जो ‘जवाब दे सके’।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, वॉशिंगटन के विल्सन सेंटर थिंक टैंक में साउथ एशिया इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर माइकल कूगलमैन का दावा है कि इसके जरिए ‘रैली राउंड दा फ्लैग इफेक्ट’ देखने को मिल सकता है।
उन्होंने कहा, ‘ईरान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई से पाकिस्तान की सेना को मिलने वाले राजनीतिक फायदे को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
इमरान खान और उनकी पार्टी के खिलाफ कार्रवाई ने सेना के खिलाफ जनता का गुस्सा भड़का दिया है। जवाबी हमला रैली राउंड दा फ्लैग इफेक्ट तैयार कर सकता है।’
दरअसल, रैली राउंड दा फ्लैग इफेक्ट का जिक्र अंतरराष्ट्रीय संबंधों और राजनीतिक विज्ञान में मिलता है। इसके तहत युद्ध या संकट के समय देश की सरकार या नेताओं को जनता की तरफ से समर्थन मिलने लगता है।
हालांकि, पाकिस्तान और ईरान दोनों ही इस संघर्ष को आगे नहीं बढ़ने देने की बात कह चुके हैं। पाकिस्तान ने तो दोनों मुल्कों को ‘भाईचारे’ वाला तक करार दे दिया था। चीन और रूस भी दोनों मुल्कों से शांत रहने की अपील कर रहे हैं।