कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता और सांसद पी चिदंबरम ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की तारीफ की है।
उन्होंने कहा है कि इस सरकार को अगर कुछ लागू करना होता है तो बहुत अच्छे से करती है। मैं इस बात को स्वीकार करता हूं।
उन्होंने कहा कि यह कहने में मुझे कोई दिक्कत नहीं। आपको बता दें कि चिदंबरम एक लिटरेचर फेस्टिव में शामिल होने के लिए कोलकाता पहुंचे थे, जहां उन्होंने ये बातें कही हैं।
हालांकि, उन्होंने बाकी तमाम मुद्दों पर विरोध जताया है। चिदंबरम ने शनिवार को दावा किया कि पूरे देश पर डर हावी है और ये हालात लोकतंत्र के ठीक उलट हैं।
कांग्रेस नेता ने कहा कि पिछले एक वर्ष से अधिक समय में उन्हें देश में एक भी व्यक्ति ऐसा नहीं मिला जो भय से मुक्त न हो।
उन्होंने कहा,‘‘ पिछले 18 माह में मैं जहां भी गया,जिससे भी मैंने बात की मैंने पाया कि उनकी सोच पर भय हावी है। भय उनके संपूर्ण अस्तित्व पर हावी है और मैं उन्हें टैगोर की वो पंक्तियां सुनाता हूं..जहां विचार भयमुक्त है।’’ उन्होंने कहा,‘‘ लेकिन मुझे एक भी ऐसा आदमी दिखा दीजिए जो यह कह सके कि मेरा मस्तिष्क भयमुक्त है, मैं कुछ भी कह सकता हूं,मैं कुछ भी लिख सकता हूं ,मैं ऐसा कुछ भी कर सकता हूं जिससे कानून का उल्लंघन न होता हो।’’
उन्होंने शनिवार शाम को कोलकाता के एलन पार्क में ‘एपीजे कोलकाता लिटरेरी फेस्टिवल’-2024 में अपनी नई किताब ‘द वाटरशेड ईयर-व्हिच वे विल इंडिया गो?’ पर चर्चा के दौरान यह बात कही।
कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य ने कहा कि उनसे किसी कारोबारी, वकील, चिकित्सक या लघु उद्योग से जुड़े किसी व्यक्ति ने यह नहीं कहा कि वह जो चाहें बोल सकते हैं और कोई भी फिल्म बना सकते हैं।
पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘भारत में डर हावी है और यह लोकतंत्र के विपरीत है। जहां विचार भय रहित है, वहीं लोकतंत्र है।’’