आम बजट में गैर भाजपा शासित राज्यों को नजरअंदाज किए जाने से नाराज ‘इंडिया’ गठबंधन के घटक दलों ने नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करने का ऐलान किया है।
इस बैठक में सभी राज्यों के मुख्यमंत्री सदस्य होते हैं। नीति आयोग की बैठक 27 जुलाई को है। इन घटकों ने बुधवार को संसद भवन परिसर में विरोध-प्रदर्शन करने का भी ऐलान किया है।
बहिष्कार करने वालों में कम से कम चार राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हैं। इनमें कांग्रेस शासित राज्यों के तीन मुख्यमंत्री हैं।
ज्ञात हो कि इंडियन नेशनल डेवलेपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (इंडिया गठबंधन) के एक प्रमुख घटक- द्रमुक के प्रमुख और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन राज्य के साथ अन्याय के खिलाफ पहले ही बहिष्कार का ऐलान कर चुके हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई ‘इंडिया’ के घटक दलों के संसदीय दल के नेताओं की बैठक में आम बजट पर विस्तार से चर्चा हुई।
खरगे के सरकारी आवास पर हुई इस बैठक में लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी सहित कई दलों के नेता मौजूद थे।
बैठक में मौजूद एक नेता ने कहा कि बैठक में गैर भाजपा शासित राज्यों को नजरअंदाज करने के मुद्दे पर विस्तार से चर्चा हुई है।
बजट में भेदभाव को लेकर घटक दलों में काफी नाराजगी है। बैठक में ही ‘इंडिया’ के मुख्यमंत्रियों द्वारा नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करने का ऐलान हुआ।
बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि ‘इंडिया’ के घटक दलों ने बजट पर चर्चा की है। यह बजट तीन-चौथाई हिंदुस्तान, खासकर गैर भाजपा सरकार वाले राज्यों को पूरी तरह नजरअंदाज करता है। इसके खिलाफ ‘इंडिया’ गठबंधन बुधवार को संसद भवन परिसर में विरोध-प्रदर्शन करेगा। इसके साथ ही ‘इंडिया’ गठबंधन ने सदन के अंदर भी आवाज उठाने का फैसला किया है।
प्रमोद तिवारी ने कहा कि यह भाजपा का बजट नहीं है, बल्कि पूरे देश का बजट है। पर सरकार ने बजट को इस तरह पेश किया है, जैसे यह भाजपा का बजट हो।
दरअसल, बजट में तमिलनाडु़, पश्चिम बंगाल और पंजाब को नजरअंदाज किए जाने को लेकर नाराजगी है। तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल के सांसदों ने तो बजट भाषण के दौरान ही अपना विरोध दर्ज कराया था।
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