मप्र का ‘मूल’ निवासी ही बनेगा अगला पुलिस महानिदेशक

भोपाल । मप्र को नया पुलिस महानिदेशक (डीजीपी)25 नवंबर तक मिल जाएगा। 21 नवंबर को दिल्ली में बैठक के बाद 3 अधिकारियों के नाम का पैनल बनेगा। वरिष्ठता के अनुसार पैनल में 3 अधिकारी 1988 बैच के अरविंद कुमार, कैलाश मकवाना और 1989 बैच के अजय शर्मा का नाम शामिल होने की संभावना है। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव 25 नवंबर तक पैनल में से एक अधिकारी के नाम पर मुहर लगा देंगे। ईमानदार छवि की वजह से कैलाश मकवाना के नाम पर डीजीपी की मुहर लग सकती है। अजय शर्मा का नाम भी डीजीपी के लिए प्रमुखता से चल रहा है। मकवाना और शर्मा में से कोई भी अधिकारी डीजीपी बनता है, तो नया पुलिस प्रमुख मप्र मूल का ही होगा। पिछले महीने मुख्य सचिव के लिए भी मप्र मूल के अधिकारी अनुराग जैन के नाम पर मुहर लग चुकी है। प्रदेश के प्रशासनिक मुखिया अनुराग जैन ग्वालियर के हैं। पुलिस महानिदेशक की दौड़ में शामिल कैलाश मकवाना उज्जैन से हैं। जबकि अजय शर्मा भोपाल से हैं। इन दोनों अधिकारियों में से कोई भी अगला पुलिस महानिदेशक बनता है तो मप्र मूल का ही होगा। मौजूदा पुलिस महानिदेशक सुधीर सक्सेना इसी महीने 30 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। वे भी ग्वालियर से हैं। डीजीपी की दौड़ में सबसे वरिष्ठ अधिकारी अरविंद कुमार हरियाणा के हैं।

मकवाना के 5 साल में 7 तबादले
पुलिस महानिदेशक के लिए सरकार ईमानदार और साफ छवि के अधिकारी के नाम पर मुहर लगाती है। राज्य शासन ने जिन 9 अधिकारियों के नाम दिल्ली भेजे हैं। वे सभी साफ छवि के हैं। लेकिन इनमें कैलाश मकवाना की छवि अलग है। ऐसे में संभावना है कि कैलाश मकवाना के नाम पर मुहर लग जाए। पिछली सरकारें (2018-23) के कार्यकाल में मकवाना के 7 तबादले हुए थे। कमलनाथ सरकार ने ही 15 महीने में 4 तबादले किए थे। लोकायुक्त में रहते मकवाना ने भ्रष्टाचारियों पर शिकंजा कस दिया था। हालांकि 6 महीने में ही उन्हें लोकायुक्त से हटा दिया गया था। तत्कालीन लोकायुक्त ने मकवाना की सीआर बिगाड़ दी थी, जिसमें मुख्यमंत्री डॉ यादव ने सुधार किया है। मकवाना की ईमानदार और साफ छवि की वजह से मुख्यमंत्री उन्हें अगला डीजीपी बनाने का फैसला ले सकते हैं।

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