रांची। स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने कहा है कि रांची में 1000 करोड़ रुपये की लागत से नया मेडिकल कालेज और अस्पताल रिम्स-टू बनाया जाएगा। उन्होंने शुक्रवार को नामकोम स्थित आरसीएच सभागार में हुई समीक्षा बैठक में विभाग को इसका प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश देते हुए कहा कि इस संबंध में वह स्वयं से लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से बात करेंगे।
स्वास्थ्य मंत्री की बड़ी घोषणाएं:-
उन्होंने राज्य में 1000 नए पीएचसी तथा सुदूरवर्ती क्षेत्रों में 500 स्वास्थ्य उपकेंद्र बनाने का भी प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश विभाग को दिए।
मंत्री ने सभी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में 10 वर्षों से अधिक समय के सभी मशीन-उपकरणों को बदलने के भी निर्देश दिए।
अधिकारियों ने बताया कि सभी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों को पर्याप्त राशि उपलब्ध कराई गई है, जिससे वे ये काम कर सकते हैं।
अस्पतालों में बेहतर प्रबंधन के लिए 225 हास्पिटल मैनेजरों की नियुक्ति होगी।
सदर अस्पताल एवं अन्य स्वास्थ्य केंद्रों में एक-एक तथा मेडिकल कालेज में तीन-तीन हास्पिटल मैनेजर तैनात किए जाएंगे
मंत्री ने कहा कि सभी पुरानी आउटसोर्सिंग एजेंसियों को हटाएं तथा उनकी जगह 10 दिनों में नई एजेंसी का चयन करें।
राज्य में अब मोहल्ला क्लिनिक नहीं खोले जाएंगे बल्कि आधुनिक अस्पताल खोलने की तैयारी।
स्वास्थ्य अधिकारियों को चेतावनी
मंत्री ने सिविल सर्जनों, अधीक्षकों से कहा कि जो चिकित्सक या पदाधिकारी काम नहीं करना चाहते हैं वे स्वयं पद छोड़कर निकल जाएं। मंत्री कार्रवाई करेंगे तो परेशानी होगी। उन्होंने रिम्स सहित सभी मेडिकल कालेजों एवं सदर अस्पतालों में हर हाल में MRI और सिटी स्कैन की सुविधा बहाल करने के निर्देश दिए। शाम में भी बैठेंगे डाक्टर, दो शिफ्ट में करेंगे इलाज सरकारी अस्पतालों में डाक्टर अब सुबह और शाम दोनों समय बैठेंगे। मंत्री ने कहा कि डाक्टर ठंड के दिनों सुबह 9 बजे से अपराह्न 1 बजे तथा शाम 5 बजे से 6 बजे तक OPD में बैठें। इसी तरह गर्मी के दिनों में सुबह 9 बजे से अपराह्न 1 बजे तथा शाम 4 से 6 बजे तक अनिवार्य रूप से OPD करें।
रांची के 5 बड़े निजी अस्पतालों की जांच के निर्देश
स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने बैठक में कहा कि संबंधित पदाधिकारी निजी अस्पतालों का निरीक्षण कर देखें के वे सभी आवश्यक मानकों को पूरा करते हैं या नहीं। वहां सरकार के निर्देशों का अनुपालन हो रहा है या नहीं। उन्होंने रांची के पांच बड़े अस्पतालों से इसकी शुरुआत करने को कहा। उन्होंने पोर्टल के माध्यम से निजी दवा दुकानों में बिक रही दवाओं की निगरानी के भी निर्देश दिए।