पार्टी छोडक़र गए नेताओं के लिए कांग्रेस ने बंद किए दरवाजे
भोपाल। मध्य प्रदेश कांग्रेस पार्टी जहां विधानसभा और लोकसभा चुनाव में लगातार हार का सामना करना पड़ा है वही पार्टी छोडऩे वाले नेताओं की भी झड़ी लगी हुई कुछ नेता भाजपा में सही जगह नहीं मिलने से कांग्रेस में वापसी करना चाहते हैं लेकिन कांग्रेस एक बार पार्टी छोडक़र गए नेताओं के लिए रास्ते बंद कर दिए। निचले स्तर तक कांग्रेस अब नए नेतृत्व तैयार करेगी। कांग्रेस एक बार फिर संगठन में जान फूंकने की कोशिश कर रही है। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में शनिवार और रविवार को चली मैराथन बैठक के बाद संगठन की मजबूती और जनता के बीच पकड़ बनाने के लिए रणनीति बनी है।
प्रदेश में अलग-अलग विभागों से भ्रष्टाचार की जानकारी सामने आ रही है, इसे लेकर कांग्रेस सरकार पर हमलावर है। अब पार्टी ने तय किया है कि इन मुद्दों को ग्रामीण स्तर तक ले जाकर जनता को बताया जाएगा।पार्टी के सभी नेता अब भ्रष्टाचार पर सबसे अधिक ध्यान देंगे। कांग्रेस विभागवार गड़बड़ी का तथ्यात्मक चि_ा तैयार कर रही है । सभी विभाग का प्रजेंटेशन तैयार कर जनता को दिखाया और बताया जाएगा। बैठक में तय किया गया है कि प्रदेश में पार्टी का विस्तार किया जाएगा। इसके लिए ग्रामीण स्तर तक सदस्यता अभियान चलाया जाएगा और युवाओं को पार्टी के साथ जोडऩे का काम किया जाएगा। प्रदेश में लगातार सदस्यता अभियान चलेगा। पार्टी का जोर नया नेतृत्व विकसित करने पर रहेगा। हर अंचल में अलग-अलग वर्ग का नया नेतृत्व तैयार किया जाएगा। इसमें अधिक से अधिक युवाओं को मौका दिया जाएगा।
पार्टी को मजबूत करने प्रत्याशियों ने दिए कई सुझाव
विधानसभा चुनाव हारे प्रत्याशियों और विधायकों ने कई पार्टी को मजबूत बनने के लिए कई सुझाव दिए हैं। जिसके बाद बैठक में तय किया गया है कि पार्टी पूरे जज्बे और मजबूती के साथ एक बार फिर जनता की आवाज बनेगी। राजनीतिक मामले की समिति में शामिल सदस्यों ने सभी सुझाव दिए हैं। इस आधार पर संगठन में बदलाव किया जाएगा। जनता के बीच पहुंचने के लिए अभियान चलाए जाएंगे। लोकसभा और विधानसभा चुनाव में भितरघात करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
कांग्रेस के संविधान के अनुसार बनेगी नई कार्यकारिणी
मध्य प्रदेश प्रभारी भंवर जितेंद्र सिंह ने कहा है कि 15 से 20 दिन के अंदर नई कार्यकारिणी घोषित कर दी जाएगी। खास बातें हैं कि प्रदेश की नई कार्यकारिणी कांग्रेस के संविधान के अनुसार बनेगी। यह पहले की तरह बहुत बड़ी नहीं होगी। जो पद जितनी संख्या में निर्धारित हैं, उतने पदाधिकारियों को ही मौका दिया जाएगा। साथ ही अब राज्य स्तर के पदाधिकारियों के दौरा कार्यक्रम पीसीसी से बनाए जाएंगे। जिला इकाइयों को अपना अधिक ध्यान ग्रामीण क्षेत्रों में लगाना होगा। चार वर्ष तक सशक्त विपक्ष की भूमिका पार्टी निभाएगी हर स्तर पर सामंजस्य बनाकर काम करना है।