दिल्ली से सटे गुरुग्राम में एक दिसंबर से नए कलेक्टर रेट लागू होंगे. यह रेट 31 मार्च 2025 तक प्रभावी रहेंगे. जिलाधिकारी ने इस संबंध में उपमंडल अधिकारियों और राजस्व विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की, जिसमें नए रेट के दिशा-निर्देश दिए गए. यह बदलाव भूमि खरीदने के इच्छुक लोगों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे भूमि की लागत में वृद्धि होगी.
राजस्व विभाग और राज्य सरकार की मंजूरी से हुआ निर्णय
नए कलेक्टर रेट में आवासीय, कृषि और वाणिज्यिक भूमि के लिए 10 से 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है. कुछ प्रमुख क्षेत्रों में, जहां मार्केट वैल्यू बहुत अधिक थी, कलेक्टर रेट में 30 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की गई है. यह निर्णय स्थानीय बाजार की स्थिति को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, जिससे भूमि की वास्तविक कीमतों का सही आकलन किया जा सके. जमीनों की खरीद-फरोख्त के लिए कलेक्टर रेट बेहद अहम होते हैं. विभिन्न स्थानों पर बाजार की स्थिति और मार्केट रिसर्च के आधार पर वैल्यू कमेटी अपनी रिपोर्ट तैयार करती है. इसके बाद, राजस्व विभाग और राज्य सरकार इस रिपोर्ट को अंतिम मंजूरी देती है. इस प्रक्रिया से यह सुनिश्चित होता है कि भूमि की मूल्यांकन प्रक्रिया पारदर्शी और उचित हो.
द्वारका एक्सप्रेसवे पर 30 प्रतिशत तक बढ़ोतरी
जिलाधिकारी ने सभी राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे सुनिश्चित करें कि सभी तहसीलों में निर्धारित मानदंडों का उल्लंघन न हो. यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि नए रेट के अनुसार सभी लेन-देन सही तरीके से हों. गोल्फ कोर्स रोड, द्वारका एक्सप्रेसवे और एसपीआर रोड पर बने रिहायशी और वाणिज्यिक मकानों में 30 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की गई है. ओल्ड गुरुग्राम में कृषि भूमि और रिहायशी प्रॉपर्टी में 10 से 20 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई है. न्यू गुरुग्राम में भी गोल्फ कोर्स रोड के आसपास मकानों में 20 से 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है.