फरीदाबाद। गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल सराय ख्वाजा फरीदाबाद में जूनियर रेडक्रॉस और सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड के सौजन्य से प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा की अध्यक्षता में राष्ट्रीय डाक दिवस पर जे आर सी सदस्यों को डाक सेवाओं के विषय में अवगत करवाया गया। जूनियर रेडक्रॉस और ब्रिगेड अधिकारी प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा ने बताया कि भारतीय डाक संचार मंत्रालय के अंतर्गत भारत में सब से प्राचीन संचालित डाक प्रणाली है।
यह डाक विभाग के लिए एक व्यापारिक व्यवस्था एवम सेवा प्रदान करने हेतु व्यवस्था है जो पत्र वितरित करने, ग्रामीण डाक जीवन बीमा और डाक जीवन बीमा सुविधाएं, जमा स्वीकार करने और अन्य अल्प अवधि एवम दीर्घ अवधि की पूंजी जमा करने की सेवाएं प्रदान करता है। प्राचार्य मनचंदा ने कहा कि उन की सेवाओं का सम्मान करने के लिए राष्ट्रीय डाक दिवस प्रतिवर्ष दस अक्टूबर को विश्व डाक दिवस के विस्तार के रूप में मनाया जाता है।भारतीय डाक एक समस्याग्रस्त स्थिति में लोगों की सेवा करती है जो वित्तीय और चिकित्सा सहायता प्रदान कर के कोविड 19 के समय में सामने आई थी। डाक विभाग भी अपने सेवा नेटवर्क को मजबूत करके सरकारी योजनाओं को प्रदत कराने में सहायता करते हैं। डाक योजनाएं अधिकतम ब्याज भुगतानों पर उच्च रिटर्न के लिए सुरक्षित जमा की सुविधा प्रदान करती हैं। प्राचार्य ने कहा कि भारतीय डाक सेवा अक्टूबर 1854 में प्रारंभ हुई। यह विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों, संस्कृतियों और परंपराओं में सेवाएं प्रदान करता है। भारत में राष्ट्रीय डाक दिवस डाक विभाग द्वारा प्रदान की गई इन प्रशंसनीय सेवाओं को स्मरण दिलाता है। यह महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना और पेंशन सुविधाओं के अनुरूप नागरिकों के लिए मजदूरी वितरण जैसी सेवाओं का निर्वहन करके भारत सरकार के लिए एक एजेंट के रूप में कार्य करता है।श्रीराम भीकाजी वेलंकर ने 15 अगस्त 1972 को पोस्टल इंडेक्स नंबर या पिन कोड को प्रारंभ किया था। पिन कोड में पहला अंक क्षेत्र को दर्शाता है, और दूसरा अंक उप-क्षेत्र को दर्शाता है। इसके अतिरिक्त अंतिम तीन अंकों में एक संबंधित एड्रेस के डाकघर को दर्शाता है। प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा, रजनी कपूर, शिखा और गीता ने डाक सेवाओं पर सुंदर पेंटिंग बनाने वाली छात्राओं का अभिनंदन करते भारतीय डाक सेवाओं में अधिक अधिक उपयोग करने की अपील की।