उत्तर प्रदेश पेपर लीक मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। समीक्षा अधिकारी और सहायक समीक्षा अधिकारी पेपर लीक मामले का कनेक्शन भोपाल से है। आपको बता दें कि पेपर भोपाल की ही एक प्रिटिंग प्रेस से छपे थे, जहां से प्रिंटिंग मशीन के बीच से पेपर को निकाला गया था। मामले में उत्तरप्रदेश एसटीएफ ने प्रिंटिंग प्रेस कर्मचारी सुनील रघुवंशी सहित 6 लोगों को प्रयागराज से गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि पेपर लीक करने में इन लोगों की अहम भूमिका थी। उत्तरप्रदेश एसटीएफ ने जब पूछताछ की तो सुनील ने बताया कि पेपर लीक करने के बदले उसे 10 लाख रुपए मिले थे। पेपर को उसने प्रिटिंग मशीन के एक पुर्जे में खराबी बताकर, उसे रिपेयर कराने के नाम पर पार्टस को बड़े बॉक्स में कागजों में लपेटकर पैक किया था। इसके बाद उसने मौका देखकर पेपर को छिपा दिया था। इस तरह बड़ी ही आसानी से वो पेपर को बाहर निकालकर ले आया था। पेपर को बाहर निकालने के बाद उसने अपने साथियों की मदद से लीक किया था।
इस तारीख को हुआ था एग्जाम
जानकारी के मुताबिक, 11 फरवरी 2024 को एग्जाम हुआ था। आरओ-एआरओ का पेपर इलाहाबाद के एग्जाम सेंटर विशप जॉनसन गर्ल्स स्कूल और कॉलेज से आउट कर लिया गया था। एसटीएफ इस मामले में पहले 10 आरोपियों की गिरफ्तारी की थी। अब 6 लोगों की गिरफ्तारी की है। बता दें कि एसटीएफ ने अपनी जांच के दायरे में भोपाल की प्रिंटिंग प्रेस को भी लिया था, क्योंकि पेपर यहीं पर प्रिंट हुए थे। एसटीएफ जांच में आया था कि पुलिस भर्ती में पहले गिरफ्तार हुए मास्टर माइंड राजीव नयन मिश्रा भी कुछ दिन तक भोपाल में रहे थे। खुलासे में निकलकर आया है कि पेपर लीक करने के लिए आशीष दुबे ने सुनील को पैसे का लालच दिया था। इसके लिए सुनील को 10 रुपए दिए गए थे। सुनील ने प्रिटिंग मशीन का पुर्जा खराब बताकर उसको रिपेयरिंग के लिए ले जाने की बात की थी। इसके बाद उसने पेपर और मशीन को एक बड़े कागज में लपेट लिया और आसानी से बाहर निकाल लिया था। इसके बाद दोस्तों की मदद से लीक कर दिया था।