केंद्र सरकार द्वारा मंगलवार को पेश किए गए आम बजट में बिहार और आंध्र प्रदेश को भारी भरकम आवंटन मिलने एवं अन्य राज्यों को ज्यादा तरजीह न दिए जाने का मुद्दा विपक्ष गरमा रहा है, तो वहीं भाजपा के भीतर भी इसको लेकर चिंता बढ़ गई है।
खासकर भाजपा के चुनाव वाले राज्यों के नेताओं ने इस मुद्दे को केंद्रीय नेतृत्व के सामने उठाया है। संसद भवन में बुधवार को प्रधानमंत्री की पार्टी के प्रमुख नेताओं के साथ हुई बैठक में भी इस मुद्दे पर चर्चा हुई।
साथ ही पार्टी की अगले चार दिनों तक होने वाली प्रमुख बैठकों को लेकर भी चर्चा की गई।
लोकसभा चुनाव में बहुमत से दूर रहने के बावजूद भाजपा ने गठबंधन के साथ सरकार तो बना ली, लेकिन उसकी संगठनात्मक और आगामी चुनावी तैयारी को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं।
गठबंधन के दबाव में सरकार को आम बजट में बिहार और आंध्र प्रदेश के लिए बड़े आवंटन करने पड़े, जिससे अन्य राज्यों में उपेक्षा का भाव बना है।
विपक्ष इसे बड़ा मुद्दा बना रहा है, भाजपा नेता भी परेशान नजर आ रहे हैं। खासकर जिन राज्यों में अगले तीन महीने में विधानसभा चुनाव होने हैं, उनके नेताओं ने अपनी चिंताओं से केंद्रीय नेतृत्व को अवगत कराया है। इन राज्यों में महाराष्ट्र, हरियाणा, झारखंड और जम्मू-कश्मीर के नेता शामिल हैं।
संगठन मंत्रियों की बैठक में चुनावों पर होगी चर्चा
सूत्रों के अनुसार, संसद भवन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ प्रमुख नेताओं राजनाथ सिंह, जे पी नड्डा, अमित शाह और बी एल संतोष की हुई बैठक में भी संगठनात्मक मुद्दों के साथ ही आम बजट पर चर्चा हुई।
भाजपा ने 25-26 जुलाई को देश भर के संगठन मंत्रियों की बैठक बुलाई है। इसमें हर राज्य की रिपोर्ट ली जाएगी। इस साल होने वाले चार राज्यों के विधानसभा चुनाव को लेकर भी चर्चा हो सकती है। बैठक लोकसभा चुनाव की समीक्षा और आगामी संगठनात्मक चुनाव की दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
मुख्यमंत्री परिषद की बैठक 27 से
इस बैठक के बाद 27-28 जुलाई को भाजपा की मुख्यमंत्री परिषद की बैठक होगी। इस बैठक में पार्टी के शासन वाले राज्यों के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री हिस्सा लेंगे।
इसमें भी लोकसभा चुनाव की समीक्षा के अलावा आगामी चार राज्यों की विधानसभा चुनाव को लेकर भी चर्चा होने की संभावना है।
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