कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्यमंत्री ने अधिकारियों को पूरे मनोयोग से काम करने के निर्देश दिये

भोपाल : कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार)  दिलीप जायसवाल ने गुरूवार को मंत्रालय में विभागीय संचालित योजनाओं की गहन समीक्षा बैठक ली। राज्यमंत्री  जायसवाल ने विभागीय गतिविधियों में और अधिक तेजी लाने के लिये अधिकारियों को पूरे मनोयोग एवं क्षमता से काम करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग सबसे कम लागत में सबसे अधिक लोगों को रोजगार दिलाने वाला विभाग है। इसके उत्पाद लोग पसंद करते हैं। लेकिन विभागीय उत्पादों को नई जनरेशन की मांग के अनुरूप और अधिक बेहतर व आकर्षक बनाया जाये, इससे उत्पादों की मांग बढ़ेगी और उत्पाद बनाने वाले कारीगर को भी सीधा लाभ मिलेगा। 

इसके लिये पुराने अनुभवों से सीख लेकर नये व नवाचारी तरीके अपनाये जायें। विभागीय उत्पादों की व्यापक स्तर पर मार्केटिंग की जाये और कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग के सभी उत्पाद एक ही छत के नीचे (एक ही कैंपस में) बेचने का प्रयास करें, इससे कम अमले में ज्यादा आउटपुट मिलेगा।कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्यमंत्री  जायसवाल ने कहा कि विभागीय बजट का शत-प्रतिशत सदुपयोग सुनिश्चित किया जाए। किसी भी सूरत में बजट लेप्स न होने पाए। विभागीय बजट के योजनानुसार समुचित उपयोग (हितग्राहीवार आवंटन) के लिये एक जिम्मेदार वरिष्ठ अधिकारी को यह दायित्व सौंपा जाए। यदि विभाग में भौतिक व मानव संसाधनों की कमी है, तो यथाशीघ्र इसकी पूर्ति कर ली जाए। उन्होंने बताया गया कि बहुत जल्द कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग में मप्र लोक सेवा आयोग के जरिये सहायक संचालकों की पदपूर्ति (नियुक्ति) होने वाली है। इससे विभाग में मानव संसाधन की कमी पूरी होगी।

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