मार्गशीर्ष अमावस्या, तर्पण-श्राद्ध से पाएं पितरों का आशीर्वाद, जानें स्नान-दान मुहूर्त, दिशाशूल, राहुकाल

रविवार को मार्गशीर्ष अमावस्या है. इस दिन मार्गशीर्ष कृष्ण अमावस्या तिथि, अनुराधा नक्षत्र, सुकर्मा योग, शकुनि करण, पश्चिम का दिशाशूल और वृश्चिक राशि में चंद्रमा है. मार्गशीर्ष अमावस्या को सुबह में स्नान के बाद अपनी क्षमता अनुसार दान देते हैं. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान के बाद दान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है. स्नान बाद पितरों के लिए जल, काले तिल, अक्षत्, फूल आदि से तर्पण करते हैं. इससे पितरों का आशीर्वाद मिलता है. जिन लोगों ने अपने पितरों का श्राद्ध, पिंडदान आदि नहीं किया है, वे मार्गशीर्ष अमावस्या पर कर सकते हैं. श्राद्ध और पिंडदान आदि दिन में 11:30 बजे के बाद से कर सकते हैं. इससे पितर खुश होते हैं और उनकी कृपा से परिवार की उन्नति होती है. जो लोग अपने पितरों के लिए तर्पण, श्राद्ध, दान आदि नहीं करते हैं, उनको पितृ दोष लगता है.

अमावस्या को शाम के समय में पितरों के लिए दीप जलाना भी अच्छा माना जाता है. यह ​दीप घर के बाहर दक्षिण दिशा में सरसों या तिल के तेल वाला होना चाहिए. जो लोग रविवार व्रत रखते हैं, उनको शाम के समय में मीठा भोजन करना चाहिए. उससे पहले सुबह में स्नान के बाद सूर्य देव को जल चढ़ाएं. जल में लाल चंदन, लाल फूल, गुड़ आदि डालकर अर्पित करें. उसके बाद गायत्री मंत्र पढ़ें. सूर्य कृपा से आपको कार्यक्षेत्र में सफलता प्राप्त होगी. पिता का सहयोग प्राप्त होगा. रविवार को गुड़, लाल कपड़ा, केसर, तांबे के बर्तन, घी आदि का दान करना चाहिए. इस उपाय से कुंडली का सूर्य दोष मिटता है. सूर्य के शुभ प्रभाव से उच्च पद प्राप्त होता है. वैदिक पंचांग से जानते हैं आज का शुभ मुहूर्त, चौघड़िया समय, सूर्योदय, चंद्रोदय, राहुकाल, दिशाशूल आदि.

आज का पंचांग, 1 दिसंबर 2024
आज की तिथि- अमावस्या – 11:50 ए एम तक, फिर शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा
आज का नक्षत्र- अनुराधा – 02:24 पी एम तक, उसके बाद ज्येष्ठा
आज का करण- नाग – 11:50 ए एम तक, फिर किंस्तुघ्न – 12:20 ए एम, दिसम्बर 02 तक
आज का योग- सुकर्मा – 04:34 पी एम तक, उसके बाद धृति
आज का पक्ष- कृष्ण
आज का दिन- रविवार
चंद्र राशि- वृश्चिक

सूर्योदय-सूर्यास्त और चंद्रोदय-चंद्रास्त का समय
सूर्योदय- 06:57 ए एम
सूर्यास्त- 05:24 पी एम
चन्द्रोदय- 06:58 ए एम
चन्द्रास्त- 05:14 पी एम

मार्गशीर्ष अमावस्या के शुभ मुहूर्त
स्नान-दान समय: सुबह 05:08 बजे से प्रारंभ
तर्पण और श्राद्ध का समय: दिन में 11 बजे से दोपहर 03:30 बजे तक
ब्रह्म मुहूर्त: 05:08 ए एम से 06:02 ए एम
विजय मुहूर्त: 01:55 पी एम से 02:37 पी एम
अभिजीत मुहूर्त: 11:49 ए एम से 12:31 पी एम
गोधूलि मुहूर्त: 05:21 पी एम से 05:48 पी एम
अमृत काल: 06:27 ए एम, दिसम्बर 02 से 08:09 ए एम, दिसम्बर 02

दिन का शुभ चौघड़िया मुहूर्त
चर-सामान्य: 08:15 ए एम से 09:33 ए एम
लाभ-उन्नति: 09:33 ए एम से 10:52 ए एम
अमृत-सर्वोत्तम: 10:52 ए एम से 12:10 पी एम
शुभ-उत्तम: 01:29 पी एम से 02:47 पी एम

रात का शुभ चौघड़िया मुहूर्त
शुभ-उत्तम: 05:24 पी एम से 07:05 पी एम
अमृत-सर्वोत्तम: 07:05 पी एम से 08:47 पी एम
चर-सामान्य: 08:47 पी एम से 10:29 पी एम
लाभ-उन्नति: 01:52 ए एम से 03:34 ए एम, दिसम्बर 02
शुभ-उत्तम: 05:16 ए एम से 06:57 ए एम, दिसम्बर 02

अशुभ समय
राहुकाल- 04:05 पी एम से 05:24 पी एम
गुलिक काल- 02:47 पी एम से 04:05 पी एम
यमगण्ड- 12:10 पी एम से 01:29 पी एम
दुर्मुहूर्त- 04:00 पी एम से 04:42 पी एम
विंछुड़ो- पूरे दिन
दिशाशूल- पश्चिम

रुद्राभिषेक के लिए शिववास
गौरी के साथ – 11:50 ए एम तक, उसके बाद श्मशान में.

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