भोपाल । रायसेन के शराब फैक्ट्री में बच्चों से शराब भरवाए जाने का मामला अब लगातार तूल पकड़ रहा है। मामले में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने पुलिस में एफआईआर दर्ज करा चुकी है । इस मामले में अब आबकारी आयुक्त ने भी लाइसेंस निलंबित निरस्त किए जाने को लेकर कारण बताओ नोटिस दिया है। नोटिस में तीन दिन में नोटिस का जवाब नहीं मिलने पर एक पक्षीय कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
बाल संरक्षण आयोग ने मारा था छापा
राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग की टीम ने रायसेन स्थित सोम डिस्टलरीज प्रायवेट लिमिटेड पर छापा मारा था। छापे में टीम को 39 बालक और 20 बालिकाओं सहित कुल 59 बच्चे काम करते मिले थे। इन बच्चों के हाथ की त्वचा भी एल्कोहल एवं खतरनाक रसायनों के संपर्क में आने से गल गई और संक्रमण फैल गया। आयोग ने बच्चों को आसवनी से मुक्त कराकर उनके ठिकानों पर भेजा और आरोपी सोम ग्रुप के संचालकों के विरुद्ध थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई। इस मामले में रायसेन कलेक्टर ने आबकारी आयुक्त को भी सूचना पत्र भेजा कलेक्टर के सूचना पत्र के आधार पर आबकारी आयुक्त ने रविवार को सोम डिस्टलरीज को यह कारण बताओ नोटिस जारी किया है। निविदा शर्तों का हुआ उल्लंघन: आबकारी आयुक्त द्वारा सोम डिस्टलरीज को भेजे गए सूचना पत्र में स्पष्ट किया है कि देशी मदिरा थोक प्रदाय हेतु जारी निविदा सूचना में प्रावधान किया गया है कि सफल निविदा दाता द्वारा बॉटलिंग संयंत्र और भंडारण गृह में कार्य हेतु कर्मचारियों की नियुक्ति पुलिस सत्यापन के बाद ही की जाएगी।
अपराधिक पृष्ठभूमि का कोई भी व्यक्ति कार्य पर नियुक्त नहीं किया जाएगा। सोम ग्रुप में किया शर्तों के नियमों का उल्लंघन: इस घटना से सोम डिस्टलरीज प्राइवेट लिमटेड इकाई में नियुक्त कर्मचारियों, बच्चों को पुलिस सत्यापन कराए बिना ही कार्य नियुक्त किया गया। बच्चों को कार्य हेतु नियुक्त किए जाने की अनुमति किसी स्थिति में प्राप्त नहीं होती। सामान्य शर्तों में भी प्रावधान किया गया है कि 21 वर्ष से कम आयु के किसी भी व्यक्ति को और किसी पागल व्यक्ति को दुकान में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। इकाई द्वारा सामान्य शर्तों के नियम 11 (2) का उल्लंघन किया है।