दुनिया को चौंकाते हुए ईरान ने 16 जनवरी 2024 के दिन पाकिस्तान के पहाड़ी हिस्सों में सर्जिकल स्ट्राइक (iran surgical strike) कर दी।
ईरान की इस एयर स्ट्राइक से पाकिस्तान भी हैरान हो गया। ईरान के इस हमले के बाद दोनों देशों के बीच संबंध खराब होने शुरू हो गए हैं।
पाकिस्तान ने हमले की कड़ी निंदा करते हुए ईरान से अपना राजदूत वापस बुला लिया और ईरानी राजदूत को निष्कासित कर दिया है।
उधर, ईरान ने दावा किया है कि उसने सिरदर्द बन चुके पाक आतंकी संगठन जैश अल-अदल (Jesh Al-Adl) के ठिकानों को निशाना बनाया।
ईरान का कहना है कि वह चार साल से पाकिस्तान से इस संगठन के खिलाफ ऐक्शन के लिए कह रहा था। अब क्योंकि सब्र का बांध टूट गया है तो उसे हवाई हमले करने पड़े।
कुलभूषण को इसी संगठन ने किडनैप किया
पाकिस्तान में कुछ ही वर्षों के भीतर पैठ बना चुका आतंकी संगठन जैश अलग-अदल ने मार्च 2016 में भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को ईरान के चाहबार से किडनैप किया था।
इस घटना के बाद से यह आतंकी संगठन भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर आ गया।
सूत्रों का यह भी कहना है कि अगवा करने के बाद इसने कुलभूषण को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई को सौंप दिया था।
इसके बाद पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ चाल चली और कुलभूषण पर भारतीय जासूस होने का आरोप लगाते हुए जेल में डाल दिया। उन पर केस चलाया। इससे भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध काफी तनावपूर्ण हो गए थे।
सर्जिकल स्ट्राइक से बिदका पाकिस्तान
पाकिस्तान का यह आतंकी संगठन एक बार फिर सुर्खियों में तब आया जब मंगलवार को ईरान ने इस संगठन के दो ठिकानों पर हवाई हमले किए। ईरान का कहना है कि उसने मिसाइल हमले में पश्चिमी पाकिस्तान में एक आतंकवादी समूह पर हमला किया है।
ईरानी राज्य टीवी ने कहा कि बलूचिस्तान में आतंकवादी समूह जैश अल-अदल से जुड़े दो ठिकानों को निशाना बनाया गया। उधर, ईरान की कार्रवाई पर पाकिस्तान नाराज हो गया है।
उसके अधिकारियों ने कहा कि इस हमले में दो बच्चे मारे गए और तीन अन्य घायल हो गए। इस्लामाबाद ने कहा कि हवाई हमला एक “अवैध कृत्य” था। उसने ईरान को चेतावनी दी कि इसके “गंभीर परिणाम” हो सकते हैं।
पाकिस्तान ने निकाली भड़ास
ईरान का हवाई हमला पाकिस्तान के लिए चौंकाने वाला इसलिए भी है क्योंकि हमले से ठीक पहले ईरान के विदेश मंत्री ने पाकिस्तान के केयर टेकर पीएम से दावोस में मुलाकात की थी।
पाकिस्तान हैरान है कि इस संबंध में दोनों देशों के बीच किसी तरह का कोई संवाद नहीं हुआ और ईरान ने सीधे हवाई हमला कर दिया।
ईरान के हमले से पाकिस्तान जरूर नाराज है, उसने पहले ईरान से अपने राजदूत को वापस बुला लिया और अपने यहां ईरानी राजदूत को निष्कासित करते हुए वापस भेज दिया।
जानकार मानते हैं कि पाकिस्तान जरूर गु्स्सा है लेकिन, ईरान जैसे मजबूत देश के आगे उसकी एक नहीं चलनी वाली। इसलिए उसने भरपाई के लिए यह कदम उठाया है।
ईरान और पाकिस्तान में कहां बिगड़ी बात
ईरान और पाकिस्तान दोनों मुस्लिम राष्ट्र हैं। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, भारत से अलग होने के बाद पाकिस्तान को बतौर राष्ट्र मान्यता देने वाला पहला देश ईरान ही था।
ईरान ने ही पाकिस्तान में पहला राजदूत खोला। पाकिस्तान में अंदरखाने ईरान के हमले परेशान करने वाले हैं।
पाकिस्तान में मामले के जानकार कहते हैं कि इजरायल और हमास के बीच युद्ध में ईरान फिलिस्तीनियों का साथ देने के बजाय मुस्लिम देशों पर ही हमला कर रहा है।
उसने सोमवार को इराक और सीरिया पर बमबारी की। अगले ही दिन पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक कर दी।
ईरान और पाकिस्तान में रिश्ते उतार-चढ़ाव वाले रहे हैं। अफगानिस्तान में तालिबान सरकार को समर्थन करने पर भी ईरान पाकिस्तान पर बिदका हुआ था।
अब जैश-अल-अदल आतंकी संगठन के बहाने ईरान ने पाकिस्तान पर अपनी भड़ास निकाली है। ईरान का आरोप है कि आतंकी संगठन लंबे समय से उस पर साजिशन हमले करता रहा है।
संगठन ने कई बार ईरान पर हमलों के लिए खुले तौर पर जिम्मेदारी भी ली है। ईरान पाकिस्तान से इसलिए भी खफा है कि बार-बार कहने के बावजूद पाकिस्तान ने संगठन के खिलाफ कोई ऐक्शन नहीं लिया।