पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त करने के भारत सरकार के फैसले की वैधता को वहां के उच्चतम न्यायालय द्वारा बरकरार रखे जाने से कश्मीर मुद्दा ‘और जटिल’ हो जाएगा।
उच्चतम न्यायालय ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त करने के केंद्र सरकार के अगस्त 2019 के फैसले को सोमवार को सर्वसम्मति से बरकरार रखा।
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी (पीटीआई) ने ‘X’ पर एक पोस्ट में कहा कि खान ने एक संदेश में कहा कि भारतीय शीर्ष अदालत का फैसला संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का सरासर उल्लंघन है।
खान रावलपिंडी की अडियाला जेल में बंद हैं। इसमें कहा गया है, ‘खान ने स्पष्ट किया है कि भारतीय शीर्ष अदालत का विवादास्पद और गैरकानूनी फैसला दशकों पुराने संघर्ष को हल करने में मदद करने के बजाय कश्मीर मुद्दे को और जटिल बना देगा।’
खान ने संकल्प लिया कि उनकी पार्टी कश्मीरी लोगों को पूर्ण राजनयिक, नैतिक और राजनीतिक समर्थन देना जारी रखेगी। खान ने कहा कि कश्मीर मुद्दा पाकिस्तान और भारत के बीच विवाद का मुख्य कारण है।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जब भारत ने 2019 में कश्मीर के विशेष दर्जे में बदलाव की कोशिश की थी तो उनके नेतृत्व वाली तत्कालीन सरकार ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी।
खान ने कहा कि वह राष्ट्रीय हितों को पहले रखते हुए भारत के साथ अच्छे संबंध स्थापित करना चाहते थे। उन्होंने कहा कि हालांकि पांच अगस्त 2019 के बाद यह संभव नहीं हो पाया क्योंकि ‘हम कश्मीरी लोगों की आकांक्षाओं’ से समझौता नहीं करना चाहते थे।’