भोपाल। मप्र में शीतलहर चलने से ठिठुरन बढ़ गई है। इस बीच राजधानी भोपाल में अलग-अलग जगहों पर 3 लोगों के शव मिले हैं। आशंका है कि कड़ाके की ठंड से तीनों की मौत हुई है। भोपाल के हनुमानगंज थाना इलाके में दो शव मिले हैं। वहीं एक शख्स का शव कोतवाली थाना इलाके में बरामद हुआ है। पुलिस अब इन तीनों की पहचान करने में जुट गई है। इन मौतों को लेकर नगर निगम की व्यवस्था पर सवाल उठना जायज है। प्रशासन दावे करता है कि शहर में बने रैन बसेरों में लोगों को पहुंचकर मदद की जा रही है। लेकिन फिर बेसहारा को सहारा क्यों नहीं मिल रहा है? दूसरी तरफ बढ़ते प्रदूषण की वजह से अलाव जलाने पर भी रोक लगाई गई है। जिससे फुटपाथ पर रहने वालों को ना रैन बसेरा मिल रहा और न ही वे अलाव जला पा रहे हैं। ऐसे में इन मौतों का जिम्मेदार कौन है?गौरतलब है कि एमपी के कई शहर शीतलहर के चपेट में हैं। शाजापुर, शहडोल, जबलपुर, सिवनी, नौगांव, पचमढ़ी, नीमच और कटनी में शीतलहर चल रही है। प्रदेश में सबसे कम पचमढ़ी में 3.4 डिग्री तापमान दर्ज किया गया है। ग्वालियर में 4.6, रायसेन 4.4, भोपाल 6.8, राजगढ़ 4.5, रीवा 5.8 और नौगांव में 4.0 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया है। बंगाल की खाड़ी में गहरा कम दबाव का बना हुआ है। उत्तरी भारत से आ रही बर्फीली हवाओं का भी एमपी में असर दिख रहा है। अगले दो दिनों में प्रदेश के 35 से ज्यादा जिले शीतलहर के चपेट में होंगे।
शीतलहर का अलर्ट
कड़ाके की ठंड से मप्र कांप उठा है। उत्तर में जारी बर्फबारी के कारण प्रदेश के तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। वहीं शाजापुर, शहडोल, जबलपुर, सिवनी, नौगांव, पचमढ़ी, नीमच और कटनी में शीतलहर चली। इधर पचमढ़ी में मैदान सफेद चादर से ढक गए हैं। मौसम विभाग के अनुसार बंगाल की खाड़ी में गहरा कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। जिससे उत्तरी भारत से आ रही बर्फीली हवाओं का असर एमपी में दिख रहा है। मौसम विभाग की माने तो अगले दो दिनों में प्रदेश के 35 से ज्यादा जिले शीतलहर के चपेट में होंगे। वहीं हिल स्टेशन पचमढ़ी में कश्मीर-मनाली जितने ठंड हो रही है।