कर्नाटक महर्षि वाल्मिकी अनुसूचित जनजाति विकास निगम में 187 करोड़ रुपये के घोटाले में एक बड़ा मोड़ सामने आया है। कर्नाटक के एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी के दो अधिकारियों के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज कराया है।अधिकारी ने आरोप लगाया है कि इस साल की शुरुआत में सामने आए वाल्मीकि निगम घोटाले में मुख्यमंत्री सिद्दारमैया, राज्य के एक पूर्व मंत्री और कुछ अन्य लोगों को फंसाने के लिए उनपर दबाव डाला गया। इस शिकायत से कांग्रेस और विपक्षी दलों को केंद्र सरकार को घेरने का मौका मिल गया है, जो केंद्रीय जांच एजेंसियों पर भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के आदेश पर विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने का आरोप लगाते हैं।आज, राज्य के समाज कल्याण विभाग के अतिरिक्त निदेशक कलेश बी ने आरोप लगाया कि उन्हें कथित वाल्मीकि घोटाले की जांच के सिलसिले में 16 जुलाई को प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष पेश होने के लिए कहा गया था।
उन्हें 18 जुलाई को कुछ फाइलें लेकर वापस आने के लिए कहा गया था। उन्होंने पुलिस को दी गई अपनी शिकायत में कहा कि इसके बाद अधिकारियों ने उनसे मुख्यमंत्री और पूर्व मंत्री बी नागेंद्र का नाम बताने को कहा, जिन्हें इस मामले के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है और कुछ अन्य लोगों का भी नाम बताने को कहा।उन्होंने अपनी शिकायत में कहा कि अधिकारियों ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया और ऐसा न करने पर उन्हें गिरफ्तार करने की धमकी दी। उन्होंने जिन ईडी अधिकारियों का नाम लिया उनमें मुरली कन्नन और एक अधिकारी मित्तल शामिल थे। उन्होंने आरोप लगाया कि मुरली कन्नन ने उनसे पूर्व मंत्री बी नागेंद्र, 'सर्वोच्च अधिकारी' (जाहिर तौर पर सीएम सिद्धारमैया का जिक्र करते हुए) और वित्त विभाग का नाम बताने को कहा। इसके बाद कल्लेश ने बेंगलुरु के विल्सन गार्डन पुलिस स्टेशन में पुलिस से संपर्क किया और उनसे कार्रवाई करने को कहा।