कलियासोत नदी को साबरमती रिवर फ्रंट जैसा हो डेवलप

विधायक रामेश्वर शर्मा ने केंद्रीय मंत्री खट्टर से की मांग

भोपाल । भोपाल की कलियासोत नदी को बारहमासी बनाने के साथ साबरमती रिवर फ्रंट की तर्ज पर विकसित करने और घाटों को डेवलप कर पर्यटन केंद्र बनाने की मांग की गई है। इसे लेकर हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने केंद्रीय मंत्री मनोहरलाल खट्टर को दिल्ली पहुंचकर आवेदन भी सौंपा है। उन्होंने नदी पर स्टॉपडैम बनाने की बात भी कहीं। ताकि, भोपाल और रायसेन जिलों में फसलों का रकबा बढ़ सके। कलियासोत नदी कोलार से होते हुए बेतवा नदी में मिलती है, जो कि कलियासोत डैम पर पूरी तरह से निर्भर है। डैम के गेट खुलने के बाद ही इस नदी में पानी आता है। बाकी पूरे साल यह नदी सूखी रहती है।
शर्मा ने केंद्रीय मंत्री से मांग की कि कलियासोत नदी को बारहमासी बनाया जाए। इसके लिए तकनीकी आधार पर सुनिश्चित स्थानों पर स्टॉपडेम का निर्माण हो। इससे बहुत बड़ी आबादी के जलसाधन- ट्यूबवेल, बावड़ी आदि के जलस्तर में वृद्धि होगी। जिस तरह साबरमती नदी पर रिवर फ्रंट का निर्माण कराकर उसे न केवल स्वच्छ और सुंदर बनाया, बल्कि चर्चित पर्यटन स्थल के रूप में विकसित भी कराया। उसी तर्ज पर कलियासोत नदी को बारहमासी नदी बनाते हुए साबरमती रिवर फ्रंट की तरह विकसित किया जाए।

 

नदी पर घाटों का निर्माण हो


रामेश्वर शर्मा ने मंत्री से मांग की कि कलियासोत नदी पर घाटों का निर्माण हो। जिससे कि सनातनी परंपराओं का निर्वहन किया जा सके। यहां पॉ-वे, आकर्षक पार्क, वाटर स्पोट्र्स गतिविधि, फूड कोर्ट का निर्माण कराया जाए। इससे कलियासोत नदी के संरक्षण के साथ स्थानीय रोजगार के नए अवसर भी उपलब्ध होंगे। कलियासोत नदी के संपूर्ण आबादी क्षेत्र के यथास्थिति दोनों ओर रिटेनिंग वॉल अथवा पिचिंग कर इसमें होने वाले अतिक्रमण को रोका जाए। समय-समय पर एनजीटी एवं विभिन्न पर्यावरण प्रेमियों द्वारा कलियासोत नदी के संरक्षण संवर्धन की दिशा में चिंता व्यक्त की जाती रही है। कलियासोत नदी के बारहमासी बनने एवं पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित होने के बाद इस पर होने वाले अतिक्रमण एवं प्रदूषण की चिंता पूर्णत: समाप्त हो जाएगी। कलियासोत नदी वृहद क्षेत्र में फैली हुई है। इसलिए इसके पर्यटन एवं संरक्षण व संवर्धन की विस्तृत रूप रेखा के लिए आगामी वर्षों के लिए इसका मास्टर प्लान भी बनाया जाए। कलियासोत डेम से नहर के माध्यम से भोपाल एवं रायसेन जिले की हजारों हेक्टेयर भूमि सिंचित की जाती है। इस नदी पर स्टॉप डैम बनने से सिंचाई क्षेत्र का रकबा भी बढ़ेगा।

 

कलियासोत भोपाल की जीवनरेखा


विधायक शर्मा ने बताया, कलियासोत नदी भोपाल की जीवन रेखा है। उसे बचाने का दायित्व हम सबका है। इसे केवल बचाना नहीं है, उसका संवर्धन भी करना है। इसे लेकर ही केंद्रीय मंत्री से मुलाकात की है। नदी की मौजूदा स्थिति और उसकी विकास योजना को लेकर भी सुझाव प्रस्तुत किए। केंद्रीय मंत्री को गुजरात की साबरमती रिवर फ्रंट की कार्य योजना की भी जानकारी दी। जिसके मूल स्वरूप एवं पर्यावरण के अनुरूप सेंटर फॉइ इन्वॉयरमेंटल प्लॉनिंग एवं टेक्नोलॉजी अहमदाबाद द्वारा विकसित किया गया था। कलियासोत के सौंदर्गीकरण के लिए भी इसी तरह के अनुभवी संस्थान से कार्ययोजना बनवाई जा सकती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *