जिनपिंग को याद आया पंचशील सिद्धांत, कहा- संघर्षों को खत्म करने के लिए अहम

चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने शुक्रवार को शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के पंचशील सिद्धांतों को याद किया और कहा कि ये वही सिद्धांत हैं, जिनके आधार पर भारत अपनी विदेश नीति और पड़ोसियों के साथ संबंध रखता है। इन्हीं पांच सिद्धांतों की बुनियाद पर गुटनिरपेक्ष आंदोलन का जन्म हुआ। जिनपिंग ने शुक्रवार को कहा कि मौजूदा वैश्विक संघर्षों को समाप्त करने और पश्चिम के साथ वैश्विक दक्षिण के टकराव को खत्म करने में पंचशील की अहम भूमिका है। पंचशील सिद्धांत की 70वीं वर्षगांठ के अवसर पर एक सम्मेलन में शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के पांच सिद्धांतों का उल्लेख करते हुए जिनपिंग ने कहा, शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के पांच सिद्धांतों ने समय की मांग को पूरा किया और इसकी शुरुआत एक अपरिहार्य ऐतिहासिक विकास था। अतीत में चीनी नेतृत्व ने पहली बार पांच सिद्धांतों को उनकी संपूर्णता में निर्दिष्ट किया, इनमें संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए सम्मान, परस्पर गैर-आक्रामकता, आंतरिक मामलों में परस्पर गैर-हस्तक्षेप, समानता और पारस्परिक लाभ व शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व शामिल हैं। 

वैश्विक सुरक्षा पहल को मिली नई अवधारणा

जिनपिंग ने कहा कि इन सिद्धांतों ने मानव जाति के साझा भविष्य की परिकल्पना करने वाली वैश्विक सुरक्षा पहल की नई अवधारणा दी है। 1960 के दशक में उभरे गुटनिरपेक्ष आंदोलन के लिए ये पांच सिद्धांत मार्गदर्शक साबित हुए और अंतरराष्ट्रीय संबंधों और कानून के शासन के लिए इन्होंने ऐतिहासिक मानदंड स्थापित किए। शी ने कहा कि ये सिद्धांत संयुक्त राष्ट्र चार्टर के उद्देश्यों और सिद्धांतों, हमारे समय के अंतरराष्ट्रीय संबंधों की उभरती प्रवृत्ति और सभी राष्ट्रों के मौलिक हितों के अनुरूप हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *