जन औषधि केंद्रों ने नवंबर 2024 तक 1255 करोड़ से ज्यादा की दवाइयां बेची

नई दिल्ली। जन औषधि केंद्रों से नवंबर 2024 तक 1255 करोड़ रुपए से ज्यादा की दवाइयों की बिक्री हुई। यह जानकारी पीएमओ द्वारा दी गई। सोशल मीडिया एक्स पर पीएमओ ने कहा कि इन आउटलेट्स के जरिए दवाइयों की खरीद करने से नागरिकों को 5,020 करोड़ रुपए की बचत हुई। जन औषधि केंद्र आम जनता को किफायती दामों पर गुणवत्तापूर्ण दवाइयां उपलब्ध कराते हैं। इसकी स्थापना प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) के तहत की गई थी, जो नवंबर 2008 में शुरू की गई एक जन कल्याणकारी योजना है।
इस योजना को फार्मास्यूटिकल्स एंड मेडिकल डिवाइस ब्यूरो ऑफ इंडिया (पीएमबीआई) के जरिए क्रियान्वित किया जाता है। रसायन और उर्वरक मंत्रालय ने बताया कि नवंबर 2024 तक देशभर में 14,320 जन औषधि केंद्र खोले गए हैं। 2023-24 में पीएमबीआई ने 1,470 करोड़ रुपए की दवाइयों की बिक्री दर्ज की थी, जिससे नागरिकों को 7,350 करोड़ रुपए की बचत हुई थी। पिछले दस सालों में इस परियोजना के तहत करीब 30 हजार करोड़ रुपए की बचत हुई है।
2024 में पीएमबीजेपी ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड और असम राइफल्स के साथ कई एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए थे, जिससे सीएपीएफ, एनएसजी और एआर (एमएचए) अस्पतालों में जन औषधि दवाएं उपलब्ध कराई गई हैं। इसके अलावा मॉरीशस में पहला विदेशी जन औषधि केंद्र खोला गया। मंत्रालय ने कहा कि फार्मास्यूटिकल्स विभाग ने भी चालू वित्त वर्ष में 500 करोड़ रुपए के कुल वित्तीय परिव्यय के साथ फार्मास्युटिकल उद्योग को मजबूत करने के लिए एक योजना लागू की है। इस योजना का उद्देश्य देश में मौजूदा फार्मा क्लस्टरों और एमएसएमई को उनकी उत्पादकता, गुणवत्ता और एमएसएमई क्लस्टरों में सुधार करने के लिए सहायता प्रदान करना है।

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