भोपाल : महिलाओं एवं बच्चियों को कार्य स्थल पर सुरक्षित माहौल देने के लिये संस्था के अधिकारी-कर्मचारियों को सतत प्रयास करना चाहिए। महिलाओं एवं बच्चियों को कार्य स्थल पर सुरक्षित वातावरण दिलाना हर संस्था का दायित्व है।सुरक्षित माहौल में ही महिलाएं अपनी क्षमता एवं ऊर्जा का सही दिशा में उपयोग कर समाज और देश के विकास के महत्वपूर्ण भूमिका निभा पायेंगी। यह बात कौशल विकास एवं रोजगार मंत्री गौतम टेटवाल ने आईटीआई गोविन्दपुरा में “जेंडर सेंसटाइजेशन एवं पोश” विषय पर आयोजित कार्यशाला में कही। उन्होंने कहा कि देश की आधी आबादी महिलाओं की है। महिलाओं का यह अधिकार है कि वे सुरक्षित एवं सामान्य माहौल में काम करने की सुविधाएं प्राप्त करें। महिलाएं आज हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य करते हुए उपलब्धियों के नये कीर्तिमान हासिल कर रही हैं।
मंत्री टेटवाल ने कहा कि सभी प्रदेश की सभी आईटीआई एवं हॉस्टल में महिलाओं एवं बच्चियों को सर्वोत्तम व्यवस्था देने के लिये शासन-प्रशासन निरंतर कार्यरत है। साथ ही हर संस्था में पोश (प्रोटेक्शन अगेंस्ट सेक्जुअल हेराशमेंट) के तहत समिति गठित कर महिलाओं की शिकायतों पर नियमानुसार त्वरित कार्रवाई होना चाहिये।
तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास तथा रोजगार सचिव डॉ. संजय गोयल ने कहा कि महिलाओं एवं बच्चियों को घर के बाहर ऐसा वातावरण मिलना चाहिए कि वे सुरक्षित महसूस करें। उन्हें जेंडर न्यूट्रल नहीं बल्कि जेंडर फेवर्ड वातावरण देने की कोशिश होनी चाहिए। संचालक कौशल विकास सुहर्षिका सिंह ने कार्यशाला के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जेंडर सेंस्टाइजेशन एवं पोश का क्रियान्वयन कर ज्यादा से ज्यादा बच्चियों को शैक्षणिक संस्थाओं से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है।
यूएन वीमेन जेंडर विशेषज्ञ जोयात्री ने बताया कि कई क्षेत्र ऐसे है जहां पुरूषों की संख्या ज्यादा होती है ऐसी जगह में जेंडर सेंसटाइजेशन एवं पोश का उचित क्रियान्वयन कर महिलाओं को कार्य के लिए बेहतर वातावरण देने की आवश्कता है। वर्कशॉप में एडवोकेट एवं जेंडर कन्सलटेंट यूएन वीमेन सौम्य भोमिक ने पोश के संबंध में जानकारी दी। कार्यशाला में बड़ी संख्या में स्टूडेंट एवं महिला अधिकारी-कर्मचारियों ने सहभागिता की।