तेल अवीव। इजराइली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन के साथ बुधवार को फोन पर बात की। पिछले 50 दिनों में पहली बार दोनों नेताओं ने बातचीत की। बताया जा रहा है कि दोनों नेताओं के बीच ईरान के मिसाइल हमले का जवाब देने पर चर्चा हुई। इजरायल ने कहा कि उसका जवाबी हमला विनाशकारी होगा। लेकिन बाइडन ने ईरान के परमाणु या तेल उत्पादन स्थलों को टारगेट करने पर विरोध किया है। बाइडन से बात न होने तक नेतन्याहू ने अपने रक्षा मंत्री को अमेरिका जाने से रोका दिया था।
इजराइल के रक्षा मंत्री ने बुधवार को कहा था कि ईरान पर उसकी ओर से किया जाने वाला हमला घातक और चौंकाने वाला होगा। उन्होंने कहा कि हाल में ईरान द्वारा किए गए मिसाइल हमले का कड़ा जवाब दिया जाएगा। इजराइली हमले से ईरान सकते में आ जाएगा। कोई विवरण दिए बिना रक्षा मंत्री ने कहा कि वे समझ नहीं पाएंगे कि क्या हुआ और कैसे हुआ। पिछले सप्ताह ईरान ने इजराइल पर कई मिसाइलें दागीं, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है जिसे लेकर पूरी दुनिया चिंतित है।
बाइडन लंबे समय से नेतन्याहू के गाजा में युद्ध के साथ-साथ लेबनान में इजराइल की लड़ाई के तरीकों को लेकर निराश और नाराज हैं। साथ ही संघर्ष खत्म करने से जुड़ी रणनीति न अपनाने पर अफसोस जताया है लेकिन बुधवार को हुई बातचीत को व्हाइट हाउस ने डायरेक्ट और उत्पादक बताया और पीएमओ ने कहा कि बातचीत सकारात्मक रही। इस दौरान उपराष्ट्रपति कमला हैरिस भी इस फोन पर चल रही बातचीत सुन रही थीं।
व्हाइट हाउस ने ईरान के खिलाफ संभावित इजराइली जवाबी हमले पर अमेरिका के रुख के बारे में कोई जानकारी नहीं दी। हालांकि बातचीत में बाइडन ने कहा था कि वह इजराइल को हर तरह से मदद दे रहे हैं। पीएमओ के मुताबिक डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले सप्ताह नेतन्याहू को फोन किया और इजराइल की ओर से हिजबुल्ला के खिलाफ चलाए गए अभियानों के लिए उन्हें बधाई दी थी।