अमेरिका के रक्षा विभाग का मुख्यालय पेंटागन ने दावा किया है कि अरब सागर में गुजरात के पोरबंदर तट के पास शनिवार को जिस ड्रोन ने एक टैंकर पर हमला किया था वह ईरान से दागा गया था।
पेंटागन ने रविवार को एक बयान में कहा कि हमला स्थानीय समयानुसार सुबह 10 बजे के आसपास हुआ। हालांकि, जापान के स्वामित्व वाले रासायन से भरे इस जहाज पर कोई हताहत नहीं हुआ।
जल्द ही आग बुझा दी गई। पेंटागन के एक प्रवक्ता ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया, “ईरान से एकतरफा हमला करने वाले ड्रोन से हमला किया गया।”
यह हमला 7 अक्टूबर को इजरायल-हमास युद्ध की शुरुआत के बाद से लाल सागर शिपिंग लेन पर यमन के ईरान समर्थित हूथी विद्रोहियों द्वारा किए गए ड्रोन और मिसाइल हमलों के बीच हुआ है। इन्होंने गाजा के साथ एकजुटता दिखाया था।
बयान में कहा गया है कि ड्रोन हमला भारत के तट से 200 समुद्री मील (करीब 370 किलोमीटर) दूर हुआ। साथ ही यह भी कहा गया कि अमेरिकी नौसेना का कोई भी जहाज आसपास नहीं था।
यह पहली बार है जब पेंटागन ने ईरान द्वारा समर्थित हमास पर इजरायल के युद्ध की शुरुआत के बाद से ईरान पर सीधे जहाजों को निशाना बनाने का आरोप लगाया है।
पेंटागन के बयान में कहा गया है कि एमवी केम प्लूटो जहाज पर लाइबेरिया का झंडा लगा हुआ है। इसे एक डच इकाई द्वारा संचालित किया गया है। हालांकि जहाज का मालिक एक जापानी कंपनी है।
भारतीय नौसेना ने कहा कि जब उससे मदद मांगी गई तो उन्होंने इसका जवाब दिया। नौसेना के एक अधिकारी ने बताया, “एक विमान भेजा गया और वह जहाज के ऊपर पहुंचा।
जहाज और उसके चालक दल की सुरक्षा सुनिश्चित की। एक भारतीय नौसेना का युद्धपोत भी भेजा गया है ताकि आवश्यकतानुसार सहायता प्रदान की जा सके।”
आपको बता दें कि इस ड्रेन हमले की अभी तक किसी ने जिम्मेदारी नहीं ली है।