घुसपैठियों ने किया घुसपैठ का चौंकाने वाला खुलासा, 8 बांग्लादेशीयों को पुलिस ने पकड़ा

नई दिल्ली। भारत में बांग्लादेश के घुसपैठियों पर लगाम नहीं लग पा रही है। आए दिन ये अलग अलग तरीकों से भारत में घुसते हैं और यही ढेरा जमा लेते हैं। ऐसा न हो इसके लिए अवैध प्रवासियों का सत्यापन किया जा रहा है। इसी दौरान बीते रोज 8 बांग्लादेशी घुसपैठिए पकड़े गए है, उन्होंने पूछताछ में घुसपैठ के चौंकाने वाले तरीकों का खुलासा किया है। कोई सैटिंग करके ट्रेन से आता है तो कोई कई किमी पैदल चलकर जंगल के रास्ते से भारत में दाखिल होता है। 
दिल्ली में अवैध बांग्लादेशी नागरिकों सहित अवैध प्रवासियों के सत्यापन के लिए दक्षिण पश्चिम जिले में अभियान चलाया गया। घर-घर जाकर सत्यापन किया गया और लगभग 400 परिवारों की जांच की गई तथा उनके दस्तावेज जमा किए गए। दिल्ली पुलिस ने बताया कि अभियान के दौरान, एक पुरुष और एक महिला सहित 8 बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ा गया। वे जंगल के रास्ते और एक्सप्रेस ट्रेनों का उपयोग करके भारत में घुसे थे। बांग्लादेश से 8 अवैध प्रवासियों को एफआरआरओ के माध्यम से बांग्लादेश भेजा गया है।डिपोर्ट करने वालों की पहचान जहांगीर, परिना बेगम, जाहिद, अहिद, सिराजुल, फातिमा, आशिमा और वाहिद के रूप में हुई है। ये सभी बांग्लादेश के निवासी थे और विभिन्न क्षेत्रों में मजदूर के रूप में काम करते थे। एक अलग घटना में, एक व्यक्ति को पकड़कर आरके पुरम से डिपोर्ट किया गया। पुलिस को हाल ही में आरके पुरम के सेक्टर-2 के हनुमान मजदूर कैंप में रहने वाले एक अवैध बांग्लादेशी नागरिक के बारे में सूचना मिली थी, जो किराए पर कमरा ढूंढ रहा था। पकड़े जाने पर, फिरोज ने शुरू में पश्चिम बंगाल का निवासी होने का दावा किया। हालांकि, निरंतर पूछताछ के बाद, उसने बांग्लादेश के मदारीपुर के रूप में अपने पैतृक पते का खुलासा किया। फिरोज ने पुलिस को बताया कि उसके माता-पिता 1990 में अवैध रूप से भारत में प्रवेश कर गए। 

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