2027 में इंदौर को मिलने लगेगा प्रतिदिन करीब 836 एमएलडी पानी

भोपाल । प्रदेश की व्यावसायिक राजधानी इंदौर की प्यास बुझाने के लिए नगर निगम ने नर्मदा के चौथे चरण का काम शुरू कर दिया है। इस योजना के पूरा होने के बाद 2027 में इंदौर को प्रतिदिन करीब 836 एमएलडी पानी मिलने लगेगा। इंदौर में वर्तमान में प्रतिदिन करीब 436 एमएलडी पानी वितरित होता है। नर्मदा के पहले, दूसरे और तीसरे चरण के तहत 406 एमएलडी और यशवंत सागर से 30 एमएलडी पानी मिलता है। चौथे चरण के तहत इंदौर को प्रतिदिन अतिरिक्त 400 एमएलडी पानी मिलने लगेगा। इस चरण का काम पूरा होने के बाद शहर में प्रतिदिन करीब 836 एमएलडी जल वितरण होगा। शहरभर में डायरेक्ट सप्लाई बंद हो जाएगी और टंकियों से ही जल वितरण किया जाएगा। वर्तमान में शहर में एक दिन छोडक़र एक दिन जल वितरण होता है। नर्मदा के चौथे चरण का काम पूरा होने के बाद शहर में रोजाना जल वितरण होने लगेगा।

 

नर्मदा का चौथा चरण लाने की तैयारियां तेज 


 नगर निगम ने इंदौर में नर्मदा का चौथा चरण लाने की तैयारियां तेज कर दी है। इस योजना पर 1900 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। नगर निगम को अमृत- 2 के तहत नर्मदा के चौथे चरण के लिए 1100 करोड़ रुपये मिलना है। शेष 800 करोड़ रुपये की व्यवस्था के लिए नगर निगम अंतरराष्ट्रीय वित्त निगम (आईएफसी ) से ऋण लेगा। आईएफसी के अधिकारियों ने इसके लिए जलूद और आसपास के क्षेत्रों का दौरा भी कर लिया है। नगर निगम नर्मदा के चौथे चरण को इंदौर लाने के साथ-साथ नर्मदा के पहले, दूसरे और तृतीय चरण की लाइनों के रखरखाव, सुधार कार्य भी करेगा। यही वजह है कि लागत 1700 करोड़ रुपये से बढक़र 1900 करोड़ पहुंच गई है। नर्मदा के चौथे चरण के कार्य को पूरा करने के लिए निगम ने दिसंबर 2026 तक की समय सीमा तय की है।

 

चौथे चरण का सेटअप पूरी तरह से अलग


नर्मदा के चौथे चरण की खास बात यह होगी कि इसमें पहले, दूसरे और तीसरे चरण के लिए बनाए गए संसाधनों का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। यानी नर्मदा के चौथे चरण का सेटअप पूरी तरह से अलग होगी। वर्तमान में जलूद से नर्मदा जल को जमीन से करीब आधा किमी ऊंचा पंप कर वाचू पाइंट तक पहुंचाया जाता है। इसके बाद यह गुरुत्वाकर्षण बल से इंदौर की ओर बहता है। नर्मदा के चौथे चरण में पानी को करीब 250 मीटर ऊंचा उठाकर लाया जाएगा। इसके लिए नए संपवेल भी बनाया जाना हैं। अंतरराष्ट्रीय वित्त निगम के अधिकारियों ने हाल ही में जलूद और आसपास के क्षेत्रों का दौरा भी किया है। दरअसल आईएफसी इस बात की पड़ताल करना चाहता था कि नगर निगम की नर्मदा के चौथे चरण को इंदौर लाने की योजना की वास्तविकता क्या है। आईएफसी के अधिकारी बटलर ने निगम की तैयारियों को लेकर संतोष जताया है। उन्होंने कहा कि ऋण की औपचारिकताएं जल्द ही पूरी कर ली जाएंगी। महापौर भार्गव ने बताया कि आरंभिक रूप से नर्मदा के चौथे चरण की लागत 1700 करोड़ रुपये थी, लेकिन हमने नर्मदा के चौथे चरण को इंदौर लाने के साथ-साथ पहले, दूसरे और तीसरे चरण की लाइनों के रखरखाव, सुधार कार्य के लिए भी प्लानिगं तैयार की है। यही वजह है कि चौथे चरण की लागत बढ़ गई है। शहर में वर्तमान में 106 टंकियां हैं। नर्मदा के चौथे चरण के तहत 32 नई टंकियों का निर्माण किया जाएगा। नर्मदा किनारे नया इंटेकवेल, रॉ वॉटर लाइन, 22 किमी लंबी पंपिंग मेन क्लियर वॉटर लाइन, फीडर लाइन और ग्रेविटी मेन भी डाली जाएगी। इसके अलावा नया ट्रीटमेंट प्लांट भी बनाया जाएगा। टंकियों से वितरण लाइन डालने का काम भी इसी चरण के तहत पूरा किया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *