सुधीर गोरे
इंदौर। महापौर पुष्यमित्र भार्गव की दिशा-निर्देशन में शहर की वायु गुणवत्ता में लगातार सुधार के लिए किए जा रहे प्रयासों के तहत इंदौर नगर निगम क्लीन एयर कैटलिस्ट (सीएसी) के साथ मिल कर वाहनों के प्रदूषण से मुकाबला करने के विभिन्न समाधानों को लागु करने की तैयारी कर रहा है। सीएसी के एक अध्ययन के मुताबिक इंदौर की हवा औद्योगिक प्रदूषण, वाहनों के प्रदूषण और कचरा जलाने की वजह से सबसे ज्यादा प्रदूषित होती है।
निगमायुक्त शिवम वर्मा, अपर आयुक्त सिद्धार्थ जैन, अधीक्षण यंत्री महेश शर्मा सहित विभिन्न अधिकारियों की मौजूदगी हाल ही में दिए गए एक प्रजेंटेशन में सीएसी वैज्ञानिकों और प्रोजेक्ट टीम ने ट्रांसपोर्ट सॉल्युशन स्ट्रेटेजी के बारे में जानकारी दी। सीएसी ने निगम को बताया कि जुलाई माह में ट्रांसपोर्ट सेक्टर से संबंधित सरकारी विभागों, सामाजिक संस्थाओं और समूहों के साथ मिल कर काम करने के लिए सीएसी ने “इंदौर क्लीन एयर कोअलिशन” यानी स्वच्छ वायु के लिए साझेदारी की रणनीति तैयार की है।
निगमायुक्त वर्मा ने मुताबिक, “ट्रांसपोर्ट सेक्टर पर ध्यान देने के साथ ही इंदौर शहर की वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए औद्योगिक क्षेत्र के प्रतिनिधियों के साथ मिल कर समाधानों पर काम किया जाएगा। वाहनों के प्रदूषण को कम करने के लिए विशेष जागरूकता अभियान चलाने और विभिन्न सरकारी संस्थाओं, स्वयंसेवी संगठनों और आम जनता को साथ लेकर प्रयास किए जाएंगे।”
सीएसी के वायु गुणवत्ता वैज्ञानिक और डब्ल्यूआरआई इंडिया के डायरेक्टर (एयर क्वालिटी) डॉ. प्रकाश दोराईस्वामी ने कहा, "इंदौर में ट्रांसपोर्ट सेक्टर की वजह से हो रहे प्रदूषित गैसों के उत्सर्जन को कम करने के लिए हमने विभिन्न उपायों की श्रृंखला विकसित की है। जब इन्हें शहर में लागू किया जाएगा तो पब्लिक ट्रांसपोर्ट में लोगों के शिफ्ट होने के बाद वायु गुणवत्ता सुधारने में मदद मिलेगी और इंदौर राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के लक्ष्यों को हासिल कर सकेगा। उपायों को लागु करने के लिए हमने संबंधित हितधारकों के साथ विचार-विमर्श शुरू कर दिया है।"
अपर आयुक्त सिद्धार्थ जैन ने सुझाव दिया कि गठबंधन की गतिविधियों को लेकर होने वाली चर्चा राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनकैप) के कार्यकारी समूह की त्रैमासिक बैठक में होनी चाहिए ताकि गठबंधन को एनकैप वर्किंग ग्रुप के बड़े फ्रेमवर्क के भीतर एक संस्थागत स्वरूप मिले।
क्लीन एयर कैटलिस्ट प्रोजेक्ट लीडर कौशिक राज हजारिका के मुताबिक, "सीएसी प्रोजेक्ट सरकार, सामाजिक संस्थाओं, शिक्षा जगत और अन्य क्षेत्रों से विविध हितधारकों (स्टेकहोल्डर्स) को शामिल करते हुए एक आपसी सहयोग आधारित संगठन स्थापित करेगा। इसे इसी जुलाई माह के अंत में शुरू किए जाने की योजना है। इस गठबंधन के जरिये नागरिकों का समर्थन जुटाने और व्यापक स्तर पर शहर में वायु गुणवत्ता सुधार कार्यों के लिए सलाह-सुझाव देने में मदद मिलेगी।"
निगमायुक्त ने वायु गुणवत्ता सुधार के लिए सीएसी के समाधानों और स्थानीय संस्थाओं की साझेदारी में गठबंधन बनाने की स्ट्रेटेजी पर सहमति जाहिर की है। यह गठबंधन निगम को वायु गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम को आगे बढ़ाने के लिए तकनीकी सहायता प्रदान करने, शहर के लोगों के साथ निरंतर जुड़ाव सुनिश्चित करने और हमारे वायु गुणवत्ता उद्देश्यों को पूरा करने के लिए प्रगति की निगरानी करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।