ईरान ने मंगलवार को दुनिया को चौंकाते हुए पाकिस्तान की जमीन पर सर्जिकल स्ट्राइक कर दी।
उसने पाकिस्तान के पहाड़ी इलाकों में आतंकवादी संगठन जैश अल-अदल के दो ठिकानों पर बमबारी की।
इस हमले को ईरान ने हालांकि आतंकवाद के खिलाफ चोट बताया है लेकिन, पाकिस्तान ने अटैक की कड़ी निंदा करते हुए गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी।
पाक ने जवाबी कार्रवाई में ईरान के राजदूत को निष्कासित कर दिया और अपना राजदूत वापस बुला लिया। इस पूरे घटनाक्रम पर भारत का बयान सामने आया है।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह ईरान और पाकिस्तान का आपसी मामला है। लेकिन, हम उन कार्रवाई को समझते हैं जो आत्मरक्षा में किए जाते हैं।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने पाकिस्तान में ईरान के हवाई हमलों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह मामला दोनों देशों के बीच का है।
उनका यह बयान इस्लामाबाद द्वारा तेहरान में अपने राजदूत को वापस बुलाने के बाद आया है। जिसके एक दिन पहले ईरान ने पाकिस्तान पर हवाई हमले किए थे।
ईरान का दावा है कि उसने अपने लिए सिरदर्द बन चुके आतंकी संगठन जैश अल-अदल के दो ठिकानों पर बमबारी की।
उधऱ, पाकिस्तान ने इस हमले की घोर निंदा की और इसे हवाई क्षेत्र का घोर उल्लंघन करार दिया। पाकिस्तान ने कहा कि उसके दक्षिम पश्चिम बलूचिस्तान प्रांत में ईऱानी हमले से दो बच्चों की मौत हो गई।
ईरान का यह हमला अचानक से नहीं किया गया। सोमवार को ईरान ने पहले इराक और सीरिया पर बमबारी की। ईरान ने इराक में मोसाद के हेडक्वार्टर को बैलिस्टिक मिसाइल से उड़ा दिया।
इसके अगले दिन पाकिस्तान पर हमला किया। ईरान का यह हमला गाजा में हमास और इजरायल के बीच जारी युद्ध के बीच गंभीर परिणाम दे सकता है। क्योंकि इस अटैक से मध्य पूर्व में तनाव और बढ़ सकता है।
इस महीने की शुरुआत में इस्लामिक स्टेट ने ईरान में दो बम विस्फोट करके 150 से अधिक लोगों की जान ले ली थी।
ईरान के पूर्व कमांडर कासिम सुलेमानी की बरसी पर उसकी कब्र के पास लोग शोक समारोह के लिए एकत्र हुए थे, तब वहां सिलसिलेवार दो बम धमाके हुए।
पाक पर एयरस्ट्राइक के बाद भारत का बयान
भारतीय विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा, ”यह ईरान और पाकिस्तान के बीच का मामला है। जहां तक भारत का सवाल है, आतंकवाद के प्रति हमारा रुख बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करने का है।” बयान में कहा गया है, “हम उन कार्रवाइयों को समझते हैं जो देश अपनी आत्मरक्षा में करते हैं।”