भारत ने मानवाधिकार पर अमेरिकी रिपोर्ट को खारिज किया, बांग्लादेश पर भी साधा निशाना

केंद्र सरकार ने गुरुवार को संसद में बताया कि सरकार अमेरिका सहित विभिन्न विदेशी संस्थाओं द्वारा भारत में मानवाधिकारों की स्थिति के बारे में समय-समय पर जारी की गई रिपोर्टों से अवगत है। ऐसी रिपोर्टें अक्सर व्यक्तिपरक, गलत सूचना वाली और पक्षपातपूर्ण पाई जाती हैं।

विदेश राज्यमंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह बात कही। उनसे पूछा गया था कि क्या सरकार को हाल ही में आई यूएस कांग्रेस रिसर्च सर्विस की रिपोर्ट के बारे में जानकारी है, जिसमें भारत के मानवाधिकार रिकॉर्ड, विशेष रूप से धार्मिक स्वतंत्रता और सांप्रदायिक हिंसा के संबंध में चिंताओं को उजागर किया गया है?

रिपोर्ट को बताया पक्षपातपूर्ण
इसके जवाब में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ऐसी रिपोर्टें अक्सर गलत सूचना वाली और पक्षपातपूर्ण होती हैं। सरकार विदेशी संस्थानों की आंतरिक रिपोर्टों का संज्ञान नहीं लेती है। भारत एक जीवंत लोकतंत्र है, जिसका संविधान नागरिकों के मौलिक अधिकारों की गारंटी देता है। मजबूत न्यायपालिका और स्वतंत्र मीडिया इन अधिकारों का प्रयोग सुनिश्चित करता है।

कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा कि सरकार बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की घटनाओं से चिंतित है। यह बांग्लादेश की अंतरिम सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी है कि वह हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के जीवन और स्वतंत्रता की रक्षा करे। भारत, बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों से संबंधित स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहा है।

ढाका यात्रा के बाद टिप्पणी
केंद्रीय मंत्री की यह टिप्पणी विदेश सचिव विक्रम मिसरी के ढाका की यात्रा करने और अंतरिम सरकार के शीर्ष राजनीतिक अधिकारियों को इस मामले पर नई दिल्ली की चिंताओं से अवगत कराने के कुछ दिनों बाद आई है।

कीर्ति वर्धन सिंह ने बताया कि भारत ने सजायाफ्ता कैदियों के स्थानांतरण पर 31 देशों के साथ द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके तहत विदेश की जेलों में बंद भारतीय कैदियों को उनकी सजा की शेष अवधि काटने के लिए भारत में स्थानांतरित किया जा सकता है। इसी तरह भारत की जेलों में बंद विदेशी कैदियों को उनके देश भेजा जा सकता है।

विदेश में भारतीयों को मिल रही मदद
उन्होंने कहा कि सरकार विदेशी जेलों में बंद भारतीयों सहित विदेश में भारतीयों की सुरक्षा और कल्याण को उच्च प्राथमिकता देती है। सजायाफ्ता कैदियों के स्थानांतरण पर भारत ने जिन देशों के साथ समझौते किए हैं, उनमें ऑस्ट्रेलिया, बहरीन, बांग्लादेश, कंबोडिया, मिस्त्र, फ्रांस, ईरान, मालदीव, मॉरीशस, रूस, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और ब्रिटेन शामिल हैं।

केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल ने बताया है कि भारत में जल्द ही दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क हो जाएगा। देश में इस समय 997 किलोमीटर मेट्रो रेल निर्माणाधीन है। यह जानकारी गुरुवार को एक बयान में दी गई।

सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क बनेगा भारत
बयान के अनुसार, मनोहर लाल ने बुधवार को आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय से संबद्ध संसद की सलाहकार समिति के सदस्यों को संबोधित किया। उन्होंने बताया कि सरकार पूरे देश में शहरी परिवहन नेटवर्क को मजबूत करने के लिए अथक प्रयास कर रही है। देश के 23 शहरों में 993 किलोमीटर मेट्रो रेल का संचालन हो रहा है। जबकि 28 शहरों में 997 किलोमीटर मेट्रो रेल निर्माणाधीन है। भारत दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क वाला देश बनने की राह पर है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *