भारत के मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में लगातार तेजी देखने को मिली है। जून में रोजगार के अवसरों में आई तेजी आई और इसका सकारात्मक असर मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर पर भी देखने को मिला। मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर ग्रोथ को लेकर आज एक सर्वे रिपोर्ट जारी हुई है।इंडिया मैन्यूफैक्चरिंग पर्चेजिंग मैनेजर इंडेक्स के अनुसार जून में पीएमआई 58.3 फीसदी रहा। वहीं मई में मैन्यूफैक्चरिंग पीएमआई 57.5 फीसदी था। यह आंकड़ें बिजनेस कंडीशन में हुई इम्प्रूवमेंट को दर्शाता है। पीएम आई की भाषा में 50 से ऊपर का स्तर विस्तार होता है, जबकि 50 के नीचे का मतलब संकुचन है।
सर्वे में जारी रिपोर्ट के अनुसार जून में मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में तेजी आई है। बिक्री और एक्सपोर्ट में आई तेजी ने मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर के ग्रोथ को बढ़ावा दिया है। लगातार आ रहे ऑर्डर को देखते हुए अब कंपनियां नियुक्ति की ओर ध्यान दे रही है। मार्च 2005 के बाद जून में सबसे ज्यादा रोजगार के अवसर देखने को मिले हैं।पिछले 19 सालों के मुकाबले जून 2024 में सबसे ज्यादा रोजगार के अवसर उत्पन्न हुए हैं। इसके अलावा इनपुट खरीद गतिविधि में भी तेजी आई है। कच्चे माल की मांग में बढ़ोतरी और ट्रांसपोर्टेशन कोस्ट में भी आई तेजी की वजह से ऑपरेटिंग एक्सपेंस भी बढ़ गया है।जून में एक्सपोर्ट ऑर्डर में तेजी आई है। कई कंपनियों ने हायर इनफ्लो के लिए एशिया, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, यूरोप, यूएस को जिम्मेदार ठहराया है।सर्वे रिपोर्ट के अनुसार आगामी सालों में मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में सकारात्मक तेजी देखने को मिलेगी। इस साल ऑर्डर बुक और डिमांड बुक में भी इम्प्रूवमेंट देखने को मिलेगा।