हरिद्वार 15 जून। गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में दो दिवसीय गंगा दशहरा व गायत्री जयंती महापर्व का शुभारंभ अखण्ड जप से हुआ। गायत्री मंदिर में राष्ट्र की उत्तरोत्तर प्रगति तथा सनातन संस्कृति के विस्तार हेतु प्रातः साढ़े चार बजे से अखण्ड जप का शुभारंभ हुआ। अखण्ड जप चौबीस घंटे तक चलेगा, जिसमें कई हजार गायत्री साधक भाग ले रहे हैं।
मुख्य सभागार में विशेष पर्व संदेश के क्रम में युवा आइकान डॉ चिन्मय पण्ड्या ने देश-विदेश से आये साधकों, श्रद्धालुओं को संबोधित किया। देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ चिन्मय पण्ड्या ने कहा कि इंसान का कर्म ऐसा हो, जिससे वह ऊँचे से ऊँचा उठता हुआ चले, लेकिन वह नीचे न गिरे। गायत्री महामंत्र का मनोयोगपूर्वक नियमित जप-साधना मनुष्य को सदैव ऊपर उठाता है। उन्होंने कहा कि यह समय आध्यात्मिक दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण है। यह आदिशक्ति से जुड़ने का अवसर है। युवा आइकान ने प्रज्ञा, विवेक, सुव्यवस्था, सक्रियता, दूरदर्शिता जैसे गुणों को आत्मसात के लिए विशेष साधना पर प्रकाश डाला। प्रतिकुलपति डॉ चिन्मय पण्ड्या ने गायत्री, गंगा, सरस्वती, वैष्णवी, शांभवी, सावित्री सहित 12 मातृशक्तियों के अनुदान-वरदान प्राप्त करने के साथ जीवनोत्कर्ष पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने तुलसीदास, महात्मा बुद्ध, आदिगुरु शंकराचार्य, पूज्य पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य जैसे साधकों के जीवन में साधना से आये आध्यात्मिक उत्कर्ष के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
वहीं वरिष्ठ कार्यकर्त्ता डॉ ओ.पी. शर्मा एवं कार्यक्रम विभाग समन्वयक श्री श्याम बिहारी दुबे ने अखिल विश्व गायत्री परिवार की संस्थापिका माता भगवती देवी शर्मा की जन्मशताब्दी वर्ष 2026 की कार्य योजनाओं में सक्रियता के साथ जुट आने का आवाहन किया। इस अवसर पर श्री शिवप्रसाद मिश्र, योगेन्द्र गिरि सहित बड़ी संख्या में गायत्री परिवार के कार्यकर्त्ता भाई बहिन उपस्थित रहे।
शांतिकुंज मीडिया विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार गंगा दशहरा एवं गायत्री जयंती महापर्व का मुख्य कार्यक्रम 16 जून को होगा।ं गायत्री जयंती एवं गंगा दशहरा के अवसर प्रातःकालीन सभा में अखिल विश्व गायत्री परिवार के प्रमुखद्वय श्रद्धेय डॉ. प्रणव पण्ड्या जी एवं श्रद्धेया शैलदीदी गायत्री महामंत्र की दीक्षा देंगे, तो वहीं विभिन्न संस्कार भी निःशुल्क सम्पन्न कराये जायेंगे।