अभी तक आपने 4, 6 या 8 हाथ वाले श्री गणेश की मूर्तियों को देखा होगा. लेकिन,जबलपुर के बादशाह हलवाई मंदिर में 16 भुजाओं वाली श्री गणेश की मूर्ति विराजमान हैं. यह मूर्ति काफी साल पुरानी है. जो 11वीं शताब्दी के बादशाह हलवाई मंदिर में विराजमान है. कहा जाता है कि इस मूर्ति के दर्शन करने से मनोकामना पूरी हो जाती है. 16 भुजाओं वाले श्री गणेश के साथ ही मंदिर में रिद्धि-सिद्धि भी हैं.
बादशाह हलवाई मंदिर के 80 वर्षीय पुजारी रामगोपाल दुबे ने बताया कि 10 साल की उम्र में सन 1945 में जबलपुर आ गए थे. 1955 से बादशाह हलवाई मंदिर की पूजन अर्चन कर रहे थे. जब चित्रकूट से पढ़ाई कर शहर पहुंचे थे. इस मंदिर की स्थिति सही नहीं थी. चारों तरफ घना जंगल हुआ करता था. जब से मंदिर की सेवा कर रहे हैं. हालांकि उन्होंने कहां इस दौरान मंदिर में कुछ लोगों ने अपना दावा भी किया. लेकिन हाई कोर्ट ने इसे खारिज किया.
27 नक्षत्र नवग्रह की मूर्तियां
इतिहास के साथ ही पुरातत्व विभाग में उल्लेख है कि बादशाह हलवाई मंदिर का निर्माण गोंड शासको के समय हुआ था. जहां संगमरमर के स्तंभ में 27 नक्षत्र नवग्रह और दिशाओं की मूर्तियां बनी हुई है. संगमरमर के इन पिलरों में भगवान की बारात की दृश्य भी देखे जा सकते हैं. इसके अलावा चारों युग के भगवान भी इस मंदिर में है. वहीं, मंदिर के ऊपरी हिस्से पर श्री यंत्र भी बना हुआ है.
ऊंचाई पर है मंदिर
बादशाह हलवाई मंदिर जबलपुर के गौरीघाट रोड पर मौजूद है. हालांकि मंदिर ऊंचाई पर है. जिसके लिए सीढ़ियों से चढ़कर जाना होता है. लेकिन, मंदिर का मनोरम दृश्य देखकर आप भी हैरान हो जाएंगे. इस मंदिर में 16 भुजाओं वाले श्री गणेश के साथ ही भगवान शिव की प्रतिमा भी मौजूद है. मंदिर की हरियाली इस बात का दावा करती है कि मंदिर ऊंचाई पर होने के कारण प्राकृतिक सौंदर्य भी शहर का आसानी से देखा जा सकता है. इस मंदिर के नजदीक में गुफा भी है. इस गुफा से रानी दुर्गावती मंदिर में आती थी और पूजन अर्चन करती थी.