लोकसभा चुनाव के 7वें और आखिरी चरण में उत्तर प्रदेश में 11 जिलों की 13 सीटों पर शनिवार को मतदान होगा।
इस चरण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रतिनिधित्व वाली वाराणसी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृहनगर गोरखपुर जैसी हाई प्रोफाइल सीटें शामिल हैं।
राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि लोकसभा चुनाव के 7वें चरण में राज्य की 13 लोकसभा सीटों के अलावा सोनभद्र जिले के दुद्धी विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव के लिए भी वोट डाले जाएंगे।
उन्होंने कहा कि 12 संसदीय क्षेत्रों में मतदान सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे के बीच होगा, जबकि रॉबर्ट्सगंज के आदिवासी बाहुल्य 2 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान सुबह 7 बजे से शाम 4 बजे के बीच होगा।
सातवें चरण में 13 लोकसभा क्षेत्रों के लिए 134 पुरुष और 10 महिलाओं सहित कुल 144 उम्मीदवार मैदान में हैं। 13 लोकसभा सीटों में से 11 सीटें सामान्य श्रेणी की हैं जबकि 2 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं।
इस चरण की 13 लोकसभा सीटों में महाराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, बांसगांव, घोसी, सलेमपुर, बलिया, गाजीपुर, चंदौली, वाराणसी, मिर्जापुर और रॉबर्ट्सगंज शामिल हैं।
ये 13 सीटें महराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, मऊ, बलिया, गाजीपुर, चंदौली, वाराणसी, मिर्ज़ापुर और सोनभद्र जिलों में फैली हुई हैं।
सातवें चरण के 13 लोकसभा क्षेत्रों में 2.50 करोड़ मतदाता हैं, जिनमें से 1.33 करोड़ पुरुष और 1.17 करोड़ महिला मतदाता शामिल हैं। सातवें चरण में कुल 14 हजार 183 मतदान केंद्र और 25 हजार 658 मतदेय स्थल बनाए गए हैं।
मतदान पर कड़ी नजर रखने के लिए आयोग ने तीन विशेष पर्यवेक्षक, 13 सामान्य पर्यवेक्षक, आठ पुलिस पर्यवेक्षक और 14 व्यय पर्यवेक्षक भी तैनात किए हैं।
इनके अलावा 1,861 सेक्टर मजिस्ट्रेट, 243 जोनल मजिस्ट्रेट, 130 स्टेटिक मजिस्ट्रेट और 2,550 माइक्रो ऑब्जर्वर भी तैनात किए गए हैं।
वाराणसी सीट पर होगी दुनिया की नजर
चुनाव के इस चरण में देश दुनिया की निगाह वाराणसी सीट पर होगी जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी के तौर पर किस्मत आजमा रहे हैं।
वाराणसी को भाजपा का गढ़ माना जाता है। 2004 के चुनाव को छोड़ दिया जाए तो पार्टी यहां 1996 से अजेय रही है। पीएम मोदी यहां जीत की हैट्रिक बनाने के लिए उतरे हैं।
उन्होने 2019 में 63 फीसदी वोट पाकर शानदार जीत हासिल की थी। इस बार उनका मुकाबला प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय और बसपा के अतहर जमाल लारी से है।
मोदी ने 2019 और 2014 में अजय राय को भारी अंतर से हराया था। आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी यहां मोदी का सामना करने का साहस दिखाया था मगर उन्हे दूसरे स्थान पर रह कर संतोष करना पड़ा था।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृहनगर गोरखपुर में भोजपुरी फिल्मों की 2 हस्तियों के बीच मुकाबला है। मौजूदा भाजपा सांसद रवींद्र किशन शुक्ला उर्फ रवि किशन का मुकाबला इंडिया समूह की काजल निषाद से है।
मिर्जापुर सीट से अपना दल (एस) अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल की टक्कर समाजवादी पार्टी (सपा) के राजेंद्र एस बिंद और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के मनीष त्रिपाठी से है। केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल को 2019 में यहां काफी अंतर से जीत मिली थी।
पारसनाथ राय का मुकाबला अफजाल अंसारी से
गाजीपुर में जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा के करीबी पारसनाथ राय का मुकाबला माफिया मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी से है जो सपा उम्मीदवार के तौर पर मैदान में है।
2019 में अफजाल अंसारी ने मनोज सिन्हा को 1.19 लाख से ज्यादा वोटों से हराया था। यह पहली बार होगा कि कोई चुनाव मुख्तार अंसारी की अनुपस्थिति में हो रहा है।
मुख्तार की 23 मार्च को मृत्यु हो गई थी। वहीं, महाराजगंज में भाजपा प्रत्याशी और केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी को कांग्रेस के वीरेंद्र चौधरी चुनौती दे रहे हैं।
बलिया में पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के बेटे और राज्यसभा सांसद नीरज शेखर को सपा के सनातन पांडे और बसपा के लल्लन सिंह यादव से कड़ी टक्कर मिल रही है।
पिछले चुनाव में यह सीट भाजपा के वीरेंद्र सिंह मस्त ने जीती थी, जिन्हें इस बार टिकट नहीं दिया गया है।
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