बीजापुर में बहनों ने रक्षाबंधन पर सुरक्षाबलों को बांधी राखी, भावुक हुए जवान

रायपुर : रक्षाबंधन का पर्व भाई-बहनों के प्रेम का प्रतीक है, जिसमें बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और भाई उनकी रक्षा का संकल्प लेते हैं। यह पर्व सभी के लिए खास होता है, लेकिन माओवाद प्रभावित बीजापुर में तैनात सुरक्षाबलों के जवानों के लिए यह दिन विशेष रूप से भावुकता पूर्ण हो गया। जब बीजापुर के विभिन्न सुरक्षा कैंपों में जहां सीआरपीएफ और अन्य सुरक्षाबलों के जवान अपने कर्तव्य का पालन करते हुए तैनात हैं, वहां की स्थानीय बहनों ने आकर जवानों की कलाईयों में राखी बांधी। जवानों के लिए यह पल भावनाओं से भरा हुआ था। घर से दूर अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए ये जवान अपने परिवार से नहीं मिल पाते हैं लेकिन बीजापुर की इन बहनों ने उनकी कलाईयों में राखी बांधकर उन्हें अपने परिवार की याद दिला दी।

महतारी वंदन योजना की लाभार्थी बहनों ने अपने-अपने घरों के नजदीकी सुरक्षा कैंपों में जाकर जवानों की कलाईयों में रक्षा सूत्र बांधा। सीआरपीएफ कैंप 299 बीजापुर, सीआरपीएफ 85 बटालियन नयापारा, चेरपल्ली, रेड्डी, गुटाई गुडा, भोपालपटनम और गंगालुर पिनकोण्डा जैसे विभिन्न कैंपों में रक्षाबंधन का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।
धनोरा कैंप में पदस्थ प्लाटून कमांडर रूपेश थामी ने कहा, "आज महिला बाल विकास विभाग की तरफ से बहनें रक्षा सूत्र बांधने आईं, जिससे हमें बहुत अच्छा लगा। हम देश के विभिन्न राज्यों से आकर यहां ड्यूटी करते हैं और घर नहीं जा पाते। इन बहनों ने हमारी परिवार की कमी को पूरा किया। हम बहुत भावुक हो गए और चाहते हैं कि हर साल बहनें इसी तरह आकर हमें राखी बांधें।"

महतारी वंदन योजना की हितग्राही बहन रानी तेलम, दामिन कुडियम और गीता मुचाकी ने जवानों को राखी बांधते हुए कहा, "हमें गर्व है कि हमारे भाई अपनी ड्यूटी पर तैनात होकर बीजापुर में अमन और शांति बनाए रखते हैं, जिससे हम बेफिक्र रहते हैं। हमने भी जवानों को राखी बांधकर अपना दायित्व निभाया और इस रक्षाबंधन का पर्व हमारे लिए बहुत खास रहा।"

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