पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (सीजेपी) काजी फैज ईसा ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के चुनाव चिन्ह ‘बल्ले’ को बहाल करने का पेशावर उच्च न्यायालय (पीएचसी) का आदेश प्रथम दृष्टया गलत था।
बता दें कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ को उसका चुनाव चिन्ह वापस मिले कुछ ही घंटे हुए थे।
अब सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस की ये टिप्पणी जेल में बंद इमरान खान को परेशान कर सकती हैं।
दरअसल पाकिस्तान निर्वाचन आयोग ने बृहस्पतिवार को पेशावर उच्च न्यायालय (पीएचसी) के फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था।
निर्वाचन आयोग ने खान की पार्टी में संगठनात्मक चुनावों को ‘असंवैधानिक’ घोषित कर 22 दिसंबर को पार्टी के चुनाव चिह्न ‘बल्ले’ को रद्द कर दिया था। लेकिन बाद में चुनाव आयोग के इस फैसले को पेशावर उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया था।
‘जियो न्यूज’ की खबर के अनुसार प्रधान न्यायाधीश ने शुक्रवार को सुनवाई के दौरान सवाल उठाया कि क्या उच्च न्यायालय ने ‘पीटीआई’ के संगठनात्मक चुनावों को कानून के अनुरूप पाया और पूछा, ”बल्ले’ को चुनाव चिह्न के रूप में आवंटित करने का मुद्दा बाद में आता है। सबसे पहले, हमें पार्टी के आंतरिक चुनावों की समीक्षा करनी होगी।”
न्यायमूर्ति ईसा के हवाले से खबर में कहा गया, ”अदालत ने सिर्फ यह आदेश दिया कि ‘पीटीआई’ को उसका चुनाव चिह्न वापस दिया जाना चाहिए। पेशावर उच्च न्यायालय का फैसला प्रथमदृष्टया त्रुटिपूर्ण है।”
Post Views: 5