अमेरिका का रुख अब इजरायल और हमास के बीच जारी जंग को लेकर बदल गया है।
दोस्त इजरायल को भी अमेरिका ने नसीहत दी है कि वह गाजा पर हमले रोक दे और फिलिस्तीन को लेकर टू-स्टेट फॉर्मूले को मान ले।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने तो तीखे तेवर दिखाते हुए बेंजामिन नेतन्याहू सरकार पर ही सवाल उठाया है। उन्होंने मंगलवार को कहा कि इजरायल के इतिहास की यह सबसे कट्टर सरकार है।
यह सरकार फिलिस्तीन में टू-स्टेट सॉलूशन नहीं चाहती। उन्होंने बेंजामिन नेतन्याहू से कहा कि वे प्रशासन में बदलाव करें।
जो बाइडेन ने यह भी चेतावनी इजरायल को दी है कि यदि उसका यही रवैया रहा तो वह ग्लोबल सपोर्ट खो देगा।
बाइडेन ने कहा कि इजरायल जिस तरह से गाजा में हर इलाके में बम गिरा रहा है, उसके बाद डर है कि उसे मिल रहा वैश्विक समर्थन खत्म हो जाएगा।
हमास ने इजरायल पर 7 अक्टूबर को हमला बोला था और तब से ही भीषण जंग जारी है। अहम बात यह है कि इजरायल पर हमले के बाद से अमेरिका ने पहली बार अपने मित्र देश को लेकर इतनी तीखी टिप्पणी की है।
बता दें कि संयुक्त राष्ट्र महासभा में गाजा पट्टी पर जारी युद्ध को तत्काल रोकने का प्रस्ताव पारित हुआ है।
इस प्रस्ताव का भारत ने भी समर्थन किया है, जबकि अमेरिका और इजरायल ने विरोध किया है। 10 देश ऐसे भी रहे, जिन्होंने मतदान में हिस्सा नहीं लिया।
अमेरिका और इजरायल के बीच युद्ध की समाप्ति के बाद गाजा का प्रशासन कैसे चलेगा, इसे लेकर भी असहमति है। अमेरिका चाहता है कि गाजा में अरब देशों को जिम्मेदारी दी जाए।
वहीं इजरायल के इसके पक्ष में नहीं दिखता है। बाइडेन ने कहा कि हमास के हमले में 1200 इजरायली मारे गए थे और सैकड़ों लोगों को बंधक बना लिया गया था।
फिलिस्तीनियों की भी चिंता कर रहा US, बोला- निर्दोष न मारे जाएं
इसकी वजह से पूरी दुनिया से इजरायल को समर्थन मिल रहा था। लेकिन अब गाजा में वह हर किसी को निशाना बना रहे है। इसके चलते इजरायल समर्थन खो सकता है।
बता दें कि इजरायल ने गाजा पर 7 अक्टूबर के बाद से लगातार हमले जारी रखे हैं। अब तक गाजा पट्टी में 18 हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं।
अब तक जो बाइडेन ने इजरायल के किसी ऐक्शन को गलत बताने से परहेज किया था, लेकिन अब उनका रुख बदल गया है। उनका कहना है कि निर्दोष फिलिस्तीनियों की सुरक्षा भी जरूरी है।
आखिर क्यों बदल गया आक्रामक अमेरिका का रुख
माना जा रहा है कि सऊदी अरब, बहरीन, कतर जैसे मित्र देशों के भी अमेरिका से नाराजगी दिखाने से उसका रवैया बदला है। इसके अलावा कई अरब देशों के मंत्रियों ने हाल ही में रूस, चीन और भारत का दौरा किया था।
ऐसे में अमेरिका को लगता है कि इस जंग में वह अलग-थलग पड़ सकता है। ऐसे में वह खुद भी इजरायल को मानवीयता के नाम पर गाजा में युद्ध विराम की नसीहत दे रहा है।