दिल्ली शराब घोटाला मामले में दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो चुकी है। सिसोदिया की तरफ से वकील अभिषेक मनु सिंघवी अपनी दलील रख चुके हैं। अब दो बजे सुनवाई फिर शुरू होगी, तब ED को तरफ से ASG SV राजू दलीलें रखेंगे। जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस जस्टिस के बी विश्वनाथन की बेंच सुनवाई कर रही है। सिसोदिया ने CBI और ED दोनों जांच एजेंसियों की ओर से दर्ज केस में जमानत की मांग की है। इससे पहले निचली अदालत और हाई कोर्ट उनकी जमानत याचिका को खारिज कर चुका है।
सिंघवी ने बहस की शुरुआत करते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी को अपराध से कोई लाभ नहीं हुआ है। अभी तक निचली अदालत में ट्रायल शुरू भी नहीं हो पाया है। इस मामले में जांच एजेंसी ट्रायल में देरी कर रही है। यह तो इस मामले को लंबा खींचने की कोशिश है। कृपया चार दिन पहले ईडी द्वारा दायर जवाबी हलफनामे को देखें। "अपराध की आय और विभिन्न व्यक्तियों की भूमिका का पता लगाने के लिए आगे की जांच जारी है"। ईडी ने 162 गवाहों का हवाला दिया है और 25000 पन्नों के दस्तावेज दाखिल किए हैं। यह अक्टूबर में हुआ था। आंकड़े दिलचस्प हैं। जुलाई 2024 में 40 लोगों को आरोपी बनाया गया। सीबीआई ने 294 गवाहों का हवाला दिया और 31000 पन्नों के दस्तावेज दाखिल किए। ईडी ने दस्तावेजों को अप्रमाणित दस्तावेजों में डालकर उन्हें छुपाया है। जब तक नियमित जमानत पर कोर्ट फैसला नहीं करती है, तब तक मनीष को अंतरिम जमानत दे दी जाए। मनीष की पत्नी का स्वास्थ्य ठीक नहीं है।