दिल्ली: दिल्ली और एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर विभिन्न पाबंदियों का कार्यान्वयन किया जा रहा है। दिल्ली सरकार ने यह निर्णय लिया है कि सरकारी कार्यालयों में 50 प्रतिशत कर्मचारी घर से काम करेंगे, जबकि बाकी 50 प्रतिशत कार्यालय में उपस्थित रहेंगे। जैसे-जैसे राजधानी में प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है, सरकार ने विभिन्न प्रतिबंधों को लागू करने का निर्णय लिया है। ग्रेप-4 पहले से ही प्रभावी है, और स्कूलों तथा कॉलेजों को भी बंद कर दिया गया है। अब कर्मचारियों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए घर से काम करने की सलाह दी गई है।
पर्यावरण मंत्री ने जानकारी साझा की
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस निर्णय की जानकारी साझा की है। उन्होंने बताया कि प्रदूषण को कम करने के उद्देश्य से दिल्ली सरकार ने सरकारी दफ्तरों में वर्क फ्रॉम होम की नीति अपनाई है। इस नीति के तहत 50 प्रतिशत कर्मचारी अपने घरों से काम करेंगे। इस निर्णय के कार्यान्वयन के लिए सचिवालय में आज दोपहर एक बजे अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित की जाएगी।
गुरुग्राम में भी इसी तरह की वर्क फ्रॉम होम नीति लागू की जा रही है। यह कदम प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित करने और कर्मचारियों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए उठाया गया है। इस प्रकार के उपायों से उम्मीद की जा रही है कि प्रदूषण की समस्या में कुछ हद तक कमी आएगी और लोगों को सुरक्षित वातावरण प्रदान किया जा सकेगा।
जीआरएपी 4 के तहत लागू प्रतिबंध
जीआरएपी 4 के तहत लागू किए गए प्रतिबंधों में दिल्ली में ट्रकों के प्रवेश पर रोक प्रमुख है। हालांकि, आवश्यक वस्तुओं को ले जाने वाले वाहनों को इस नियम से छूट दी गई है। इसके अतिरिक्त, स्वच्छ ईंधन जैसे LNG, CNG, BS-VI डीजल या इलेक्ट्रिक पावर से चलने वाले वाणिज्यिक वाहनों को भी इन प्रतिबंधों से मुक्त रखा गया है। दिल्ली के बाहर पंजीकृत गैर-जरूरी हल्के वाणिज्यिक वाहनों पर भी प्रतिबंध लगाया गया है, लेकिन CNG, इलेक्ट्रिक पावर और BS-VI डीजल से चलने वाले वाहनों को इस नियम से छूट मिली है। GRAP 4 के अंतर्गत, दिल्ली में पंजीकृत मध्यम और हल्के वाणिज्यिक वाहनों पर भी प्रतिबंध है, जो डीजल या BS-IV पर चलते हैं, सिवाय आवश्यक वस्तुओं को ले जाने वाले वाहनों के। निजी वाहनों के लिए कोई नया प्रतिबंध नहीं लगाया गया है।
प्रतिबंध पूरे एनसीआर क्षेत्र में लागू
ये प्रतिबंध केवल दिल्ली तक सीमित नहीं हैं, बल्कि पूरे एनसीआर क्षेत्र में भी लागू किए गए हैं, जिसमें गुरुग्राम, फरीदाबाद और गाजियाबाद शामिल हैं। इस प्रकार, इन उपायों का उद्देश्य वायु गुणवत्ता में सुधार करना और प्रदूषण के स्तर को कम करना है। इन प्रतिबंधों के माध्यम से, सरकार ने यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि केवल आवश्यक और स्वच्छ ईंधन से चलने वाले वाहनों को ही इन क्षेत्रों में प्रवेश की अनुमति हो।