भोपाल। देश के सभी राज्यों के राज्यपालों की कॉन्फ्रेंस 2 और 3 अगस्त को दिल्ली में होगी। इसमें मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल भी शामिल होंगे। राज्यपाल कॉन्फ्रेंस में राष्ट्रपित द्रौपदी मुर्मू के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हो सकते हैं। इसमें राज्यों के पड़ोसी राज्य के साथ समन्वय बैठक और अंतर्राज्यीय मुद्दों पर चर्चा कर फैसले लिए जाएंगे।
मंगुभाई पटेल होंगे शामिल, पड़ोसी राज्यों के समन्वय के मुद्दों पर होगी चर्चा
एमपी के विधानसभा चुनाव के पहले राज्यपालों की भूमिका में बदलाव करते हुए केंद्र सरकार ने अंतर्राज्यीय मुद्दों को लेकर हर राज्यपाल को पड़ोसी राज्य के साथ बैठक करने के निर्देश दिए थे। इसके चलते प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ समेत कुछ राज्यों के साथ बैठक भी की है और इस बैठक में एमपी के सीमावर्ती जिलों और दूसरे राज्यों के एमपी से सटे सीमावर्ती जिलों की कॉमन समस्याओं, बड़ी परियोजनाओं को लेकर चर्चा हुई थी। अब दिल्ली में 2 और 3 अगस्त को होने वाली राज्यपाल कॉन्फ्रेंस में इन मसलों पर केंद्र सरकार की ओर से रिपोर्ट ली जाएगी। अब तक की गई बैठकों की समीक्षा भी की जाएगी। राज्यपाल के दिल्ली प्रवास और दिल्ली में होने वाली बैठक के मद्देनजर राज्य सरकार ने संबंधित विभागों को निर्देश जारी कर कहा है कि वे अपने विभाग से संबंधित अपडेट सामान्य प्रशासन विभाग को उपलब्ध करा दें ताकि राज्यपाल कांफ्रेंस के लिए पड़ोसी राज्यों से संबंधित मसले पर जानकारी राज्यपाल पटेल को भेजी जा सके।
कुछ और नई जिम्मेदारी सौंप सकती हैं राष्ट्रपति
राजभवन सूत्रों के अनुसार राज्यपालों की भूमिका में बदलाव समय के साथ हुआ है। इसलिए दो दिनी कांफ्रेंस में राष्ट्रपति मु्र्मू राज्यपालों को कुछ और जिम्मेदारी भरे काम सौंप सकती हैं। एमपी की बात करें तो यहां महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात एमपी की सीमा से लगे हैं और इन राज्यों के व्यापारिक, नक्सल, सडक़ आवागमन, जल उपयोग, वन प्रबंधन, कानून व्यवस्था समेत अन्य राज्य स्तरीय मुद्दों पर बैठक में चर्चा होना है।