संसद में सरकार ने पेश की ‘आर्थिक समीक्षा’ रिपोर्ट

केंद्र सरकार ने महसूस किया है कि देश के विकास में कृषि क्षेत्र की अहम भूमिका के बावजूद इसे आधारभूत संरचनाओं की कमी का सामना करना पड़ रहा है। खाद्य पदार्थों की महंगाई एवं किसानों की कम आय के साथ कई तरह की चुनौतियां हैं। आम बजट से एक दिन पहले सोमवार को संसद में प्रस्तुत आर्थिक समीक्षा में किसानों की आय बढ़ाने एवं आधुनिकीकरण के लिए निजी निवेश की जरूरत बताई गई है।

दशक भर के नीतिगत सुधारों का जिक्र करते हुए कहा गया है कि कृषि में पिछले एक दशक में उच्च वृद्धि का आधार तैयार हो चुका है। अब विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए नीचे से ऊपर तक बड़े सुधार की जरूरत है। प्रौद्योगिकी में विकास, खेती में नवाचार, बाजार की व्यवस्था, उर्वरक, जल एवं अन्य किफायती सुविधाओं में वृद्धि के साथ कृषि और उद्योग में संबंधों के विस्तार साथ खाद्य वस्तुओं के मूल्य को नियंत्रण में रखना भी जरूरी है।

संकेत स्पष्ट है कि सरकार किसानों को प्रोत्साहित कर सुधार की दिशा में बढ़ना चाहती है ताकि किसानी की दशा तेज गति से बदले। समीक्षा में किसानों के कल्याण के लिए सब्सिडी को पर्याप्त नहीं बताया गया है। कहा गया है कि खाद और ऊर्जा में सबसे ज्यादा अनुदान है। कृषि में कुल निवेश का एक तिहाई सब्सिडी खाद एवं ऊर्जा के लिए ही दी जा रही है। यह दस वर्षों में दोगुना हो चुका है, मगर सब्सिडी के सहारे सिर्फ छोटी अवधि में ही किसानों की आय एवं उत्पादन में वृद्धि हो सकती है। किसानों के हित में पर्याप्त संसाधन खर्च हो रहा है, किंतु उस अनुपात में उन्हें फायदा नहीं मिल रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *